Politics

नीतीश का राजनीतिक चरित्र समझना उन्हें पलटीमार बताने जितना आसान नहीं

Understanding Nitish's political character is not as easy as calling him a counter-attacker.

कुछ ही महीने पहले बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 9वीं बार शपथ लेने वाले नीतीश कुमार, राजधानी पटना में 18 विपक्षी दलों के साथ बीजेपी के खिलाफ पहली बैठक की मेजबानी कर रहे थे। आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व यह पहला मौका था, जब बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए एक संगठित विपक्ष की चुनौती तैयार हो रही...

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2030 के भारत को केंद्र में रखकर चुने गए 3 राज्यों के मुख्यमंत्री

Chief Ministers of 3 states elected keeping India of 2030 at the center

2030 के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर हुआ एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों का चुनाव  तीन राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत ने आम जनमानस के साथ दोनों प्रमुख दलों को भी चौंकाने का काम किया, लेकिन इससे भी कहीं अधिक इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के चुनाव ने सत्ता दल के दिग्गज नेताओं...

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डिजिटल युवा: समाज में बदलाव लाने और भारत की सफलता के उत्प्रेरक

Digital Youth: Drivers of change in society and catalysts for India's success

इस डिजिटल युग में, देश के युवा इन्फॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी तक अभूतपूर्व पहुँच स्थापित कर चुके हैं, जो देश की प्रगति के लिए सबसे मजबूत घटकों में से एक है। डिजिटल परिदृश्य को नेविगेट करने में उनकी कुशलता समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकती है। सोशल मीडिया के प्रभाव के...

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कल्चर, कनेक्शन और क्रेडिबिलिटी: भारत में रीजनल पीआर के लिए सफलता के पिलर्स

Culture, Connection and Credibility: Pillars of Success for Regional PR in India

आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, प्रभावी पब्लिक रिलेशन्स की महत्ता पहले से कहीं अधिक है, खासकर तब, जब बात भारत के विविध और जीवंत बाजार को नेविगेट करने की आती है। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत में किसी भी पीआर कैंपेन की सफलता कल्चर (संस्कृति), कनेक्शन (संपर्क) और क्रेडिबिलिटी (विश्वसनीयता) की तिकड़ी में महारत हासिल करने पर निर्भर करती...

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लोकतंत्र को आकार देने में युवा मतदाताओं की भूमिका अहम्

Role of young voters is important in shaping democracy

भारत में युवा मतदाताओं की भूमिका का बहुत अधिक महत्व है, जो देश में उनकी व्यापक संख्या और लोकतंत्र को गहन रूप से प्रभावित करने की क्षमता से प्रेरित है। एक प्रमुख जनसांख्यिकीय के रूप में, युवा देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही, चुनावी परिणामों, नीतियों और राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।...

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समावेशिता और प्रतिनिधित्व के आह्वान से ही राजनीति में सशक्त बन सकेंगे भारत के युवा

India's youth will be able to become empowered in politics only by calling for inclusivity and representation.

वास्तविक लोकतंत्र का आधार लोकप्रिय संप्रभुता को माना जाता है, जहाँ सरकार को स्वयं लोगों से शक्ति प्राप्त होती है। निर्वाचित अधिकारी तब तक ही अधिकार रखते हैं, जब तक वे नागरिकों की इच्छा और आकाँक्षाओं के अनुरूप होते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि वास्तविक रूप से वे लोग सशक्त रहें, जो लोकतंत्र के हित में कार्य करते हैं।...

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छोटे राज्यों के गठन में कैसी बुराई?

What is the harm in forming small states?

स्वतंत्रता से पूर्व भारत 17 प्रांतों और 584 रियासतों में बंटा हुआ था। इसके पश्चात् स्वतंत्रता के समय 15 अगस्त 1947 को भारत में 12 राज्य थे। 26 जनवरी 1950 को जब भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बना, तब तक हैदराबाद, जम्मू और कश्मीर, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्य भी भारतीय संघ का हिस्सा बन चुके थे। फिलहाल भारत...

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