Education System

अच्छी लाइफ सेट करने में कौन-सा सिलेबस बड़ा: स्कूल का या फिर जिंदगी का?

आपको 3 इडियट्स का यह गाना तो याद ही होगा  “गिव मी सम सनशाइन गिव मी सम रेन गिव मी अनदर चांस आई वॉना ग्रो उप वन्स अगेन” “99 परसेंट मार्क्स लाओगे, तो घड़ी वरना छड़ी” अक्सर आपने यह भी सुना होगा कि 10वीं कक्षा अच्छे अंकों से पास कर लो, फिर लाइफ सेट हो जाएगी। या 12वीं कक्षा अच्छे...

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गुरु-शिष्य परंपरा को फिर से शुरू करना बहुत जरुरी

Political Strategist in India

प्राचीनकाल से ही शिक्षा मानव सभ्यता का जरूरी हिस्सा रही है। समय बदलने के साथ शिक्षा का स्वरूप भी बदला है। प्राचीन शिक्षा प्रणाली कि यदि बात करें, तो आज भी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली प्रेरणा का मुख्य स्रोत बनी हुई है। एक समय था, जब देश में हजारों की संख्या में गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति के माध्यम से बच्चे शिक्षा के...

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आगे पाठ-पीछे सपाट?

Political Strategist in India

नींव कमजोर होगी, तो मकान का अस्तित्व अधिक समय तक टिक नहीं सकता। उसी तरह शिक्षा का भी महत्व है। बच्चों की बेसिक पढ़ाई मजबूत रहेगी, तो बड़ी कक्षाओं में आकर बच्चे और बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं। नींव को मजबूत कर लिया जाए, तो शिक्षा का स्तर 100 प्रतिशत सुधर सकता है। एक मुहावरा याद आता है कि “आगे...

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ऑनलाइन शिक्षा के कई फायदे, तो नुकसान भी

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ऑनलाइन शिक्षा आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति का एक अच्छा उदाहरण बनकर उभरी है। इसमें इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की जाती है। कोरोना काल से यह प्रचलन तेजी से सामने आया है, जिसमें अनेक स्कूल और शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को अपनाकर इसे अधिक उपयोग में लाया है। यह एक ऐसा माध्यम है कि...

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क्या ऑनलाइन शिक्षा, स्कूल की कक्षा से बेहतर विकल्प हो सकता है?

Political Strategist in India

स्कूल की कक्षा यानि विद्यालयीन शिक्षा सर्वश्रेष्ठ है, जो अब लुप्त होने के कगार पर दिखाई दे रही है। कहीं यह हमारे समाज की सबसे बड़ी भूलों में से एक न बन जाए। पारंपरिक शिक्षा में एक निश्चित कार्यक्रम, परस्पर संचार और सख्त अनुशासन छात्रों का सटीक मार्गदर्शन करते हैं। पूरी तरह से शिक्षा ग्रहण एवं उसे कैसे आचार-विचार में...

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5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएँ क्या मजबूत कर सकेंगी शिक्षा की डाँवाडोल नींव को?

Political Strategist in India

ठीक पाँच वर्ष पहले शिक्षा मंत्रालय ने वर्तमान एजुकेशनल सिस्टम में सुधार के उद्देश्य से एक साहसिक कदम उठाया था, जिसके तहत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं पर अंकुश लगाने का फैसला लिया गया था। परिणामस्वरूप, पुराने मार्किंग सिस्टम की जगह नया ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर दिया गया। इस नए सिस्टम के अनुसार, 8वीं कक्षा...

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वर्तमान शिक्षा पद्धति में क्यों है बदलाव की जरूरत?

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यदि हम भारतीय शिक्षा प्रणाली के इतिहास को उठाकर देखें तो इसके विकास की प्रक्रिया निरंतर चली आ रही है। प्राचीन काल में शिक्षा का मूल उद्देश्य विचारों का विस्तार तथा मानव जीवन से संबंधित समस्याओं का समाधान करना एवं ज्ञान अर्जित करना था। जिसके लिए गुरुकुल में छात्रों को विवेक व सही चिंतन की शिक्षा दी जाती थी। वर्तमान...

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शिक्षकों का शिक्षित होना बेहद जरूरी; संस्कार के महत्व को समझें

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शिक्षा ग्रहण करने के लिए शिक्षक का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। एक शिक्षक द्वारा पढ़ाया गया हर एक पाठ उनके विद्यार्थियों पर गहरा असर डालती है, जिसका असर समाज पर भी होता है, क्योंकि शिक्षा देना ज्ञान का विषय है और यदि किसी शिक्षक के पास ज्ञान ही अधूरा है, तो यह ज्ञान विद्यार्थियों की जिंदगी भी बर्बाद कर...

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सही मायने में शिक्षित किसे बोला जाना चाहिए?

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सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि शिक्षित किसे बोला जाना चाहिए ? शिक्षित होने का मतलब सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं होता है। शिक्षित होना उस व्यक्ति को कह सकते हैं, जो जीवन में अच्छे निर्णय ले सकता है और जो अपनी समस्याओं का समाधान तलाश कर सकता है। शिक्षित होने से उस व्यक्ति को आवश्यक दक्षताएँ प्राप्त होती...

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भारत के एजुकेशन सिस्टम को बदलते समय के अनुकूल होने की खास जरूरत

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प्रगतिशील देशों को एक साथ काम करने के लिए प्रगतिशील दिमाग की जरूरत है। इसके लिए देशों को मानव-मन की क्षमताओं को उजागर करने की आवश्यकता है, और इन्हें उजागर करने का शिक्षा या एजुकेशन से बेहतर माध्यम मेरे ज़हन में नहीं आता। भारत में एजुकेशन सिस्टम वैदिक काल से चला आ रहा है, जब गुरुकुल या पाठशालाएँ, गुरुजनों की...

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