संस्कृति

कितना सच्चा? कितना झूठा?

Political Strategist in India

वैसे तो भगवान ने मनुष्य को बड़े ही सोच समझकर बनाया है या यूँ कहें कि धरती पर बाकी प्राणियों से हटकर ज्यादा ही बुद्धि और विवेक दिया है। लेकिन क्या सही मायनों में मनुष्य इस बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करता भी है? सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया गया विवेक, क्या समाज और उसके खुद के लिए सही...

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क्या गरीब व्यक्ति शादियों में जाना ही छोड़ दे?

Political Strategist in India

हमारे रिश्तेदार क्या पहन रहे हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता, भाग-दौड़ भरे जीवन में वे हमारी खुशियों में शामिल हुए हैं, यह सबसे अधिक मायने रखता है सोने के आभूषण अमीर लोगों पर चमकते हैं साहब, गरीबों की कहाँ चका-चौंध! क्योंकि आलीशान शादी समारोह में शानदार रेड कार्पेट्स अमीरों का स्वागत करते हैं। दिखावे को होड़ जो लगी पड़ी है….....

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सिर्फ मान्यताएँ ही नहीं, विज्ञान भी कहता है गाय को पवित्र

अतुल मलिकराम

भारत अपनी युगों पुरानी मान्यताओं और अद्भुत परंपराओं की गोद में फला-फूला देश है। प्राचीन काल से ही पशु जीवन के प्रति हिंदू धर्म में गहन आस्था रही है। और विशेष तौर पर जब गाय की बात आती है, तो यह विश्वास कई गुना बढ़ जाता है। गायों को दैवीय स्वरुप और प्रकृति का उपकार माना जाता है। लेकिन बतौर...

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चलिए कुछ बेहतर करते हैं, चलिए इंदौरी बनते हैं

चलिए कुछ बेहतर करते हैं, चलिए इंदौरी बनते हैं

सभी जानते हैं कि इंसान का शरीर प्रकृति के पांच तत्वों अर्थात भूमि, आकाश, वायु, जल और अग्नि से मिलकर बना है। इस प्रकार एक इंसान बनने के लिए इन पाँचों तत्वों का होना बेहद आवश्यक है। वहीं दूसरी ओर, देश में अपना वजूद दिखाने के लिए अन्य पंचतत्व अर्थात आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड और मूल...

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