Atul Malikram Samajsevi

लॉ ऑफ पब्लिसिटी (प्रचार के कानून) \के मायने, ब्रांड स्थापित करने के लिए काफी

Political Strategist

पब्लिसिटी से जुड़े कानूनों को समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन मैं इसे आपके लिए बेहद आसान बनाने की पूरी कोशिश करूँगा। बहुत से लोग एडवर्टाइज़िंग और पब्लिसिटी के बीच कंफ्यूज़ होते हैं। लेकिन जब आप मैदान में उतरते हैं, और अपने ब्रांड का विस्तार करने के लिए काम करना शुरू करते हैं, तब यह जान पाते हैं कि...

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नफा-नुकसान के हिंडोलों पर एलन के ऐलान..

Political Strategist in India

जब से एलन मस्क के हाथों में ट्विटर की कमान आई है, पूरी दुनिया में एक ही चर्चा चरम पर है, वह है प्लेटफॉर्म से एम्प्लॉयीज़ की छँटनी। हर दिन अखबारों के पन्नों में जैसे यह खबर बेहद आम हो गई है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क द्वारा दुनिया भर में एम्प्लॉयीज़ की छँटनी के काम को...

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एक अच्छे लीडर की निशानी- सामने से नेतृत्व

Indian Political Strategist

“आप लोगों को नहीं बदल सकते। इसलिए खुद के भीतर वह बदलाव लाएँ, जो आप लोगों में देखना चाहते हैं।” -महात्मा गांधी सबसे अच्छा लीडर वह है, जो सामने से नेतृत्व करता है और निर्णय लेता है कि उसकी टीम किस प्रकार सहयोगी है। इसलिए अपनी टीम को प्रोत्साहित करना और बेहतर संभावनाओं के लिए उस पर विश्वास करना, हमेशा...

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सिर्फ मान्यताएँ ही नहीं, विज्ञान भी कहता है गाय को पवित्र

अतुल मलिकराम

भारत अपनी युगों पुरानी मान्यताओं और अद्भुत परंपराओं की गोद में फला-फूला देश है। प्राचीन काल से ही पशु जीवन के प्रति हिंदू धर्म में गहन आस्था रही है। और विशेष तौर पर जब गाय की बात आती है, तो यह विश्वास कई गुना बढ़ जाता है। गायों को दैवीय स्वरुप और प्रकृति का उपकार माना जाता है। लेकिन बतौर...

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“परिवर्तन ही संसार का नियम है”, भूल चले हैं इस कहावत को हम..

Atul Malikram

हर दिन आगे बढ़ने के साथ-साथ पीछे छूट जाती हैं कई बातें, कई कहावतें, और महज़ कहानियाँ बनकर रह जाते हैं वो तमाम मुहावरें, जो हमारे बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं। “परिवर्तन ही संसार का नियम है….” कभी तो यह एक दिन में कई बार कही जाने वाली कहावत थी, और आज हम इसका अर्थ ही भूल चले हैं। अब तो...

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उदासीनता और लापरवाही की शिकार, हॉकी के जादूगर की प्रतिमा

Major Dhyan Chand

मेजर ध्यान चंद भारत माता के उन सपूतों में से एक हैं, जिनका नाम ही उनकी पहचान है। अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक ध्यान चंद ने अपनी हॉकी स्टिक से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया, और तो और भारत को विश्व मानचित्र पर विशेष स्थान दिलाने में भी अटूट योगदान दिया। हॉकी के जादूगर...

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बेदाग होते हुए भी कलंक साथ लेकर घूमने को मजबूर, घुमंतू समाज..

Atul Malikram

भारत के विमुक्त, खानाबदोश और अर्द्ध-खानाबदोश समुदाय दशकों से ऐसी परिस्थिति से गुजर रहे हैं, जहाँ हमेशा से ही उन्हें इस तरह दरकिनार किया जाता रहा है, जैसे कि वे देश का हिस्सा ही नहीं हैं। भारतीय समाज सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले इस उपेक्षित और वंचित समुदाय को कई नकारात्मक और आपराधिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता...

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अपने कब पराए हो गए.. घर कब मकान हो गए..

atul malikram samajsevi

गली-मोहल्ले अब सुनसान हो गए हैं, अब पड़ोस वाली आंटी के घर की खिड़की का काँच नहीं फूटता, न ही अब तेज रफ्तार से उछाल खाती हुई गेंद छत पर जाती है, पतंग भी अब कटती हुई घर के आँगन में नहीं गिरती, मोहल्ले का कोई भी बच्चा अब लूका-छिपी खेलते हुए पास वाले काका के घर छिपने नहीं जाता,...

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सोच, एक तरफा ही क्यों ?? 35_टुकड़ों_वाला_प्यार

political strategist

श्रद्धा और आफताब के उलझन भरे रिश्ते और श्रद्धा की मर्डर मिस्ट्री ने दुनिया को अनगिनत सवालों के कटघरे में लाकर छोड़ दिया है। हर एक सवाल से प्याज़ के छिलकों की तरह न जाने कितने ही नए-नए विषय निकलकर सामने आते जाएँ। अनजान इंसान पर पहले विश्वास और फिर अँधविश्वास, माता-पिता और परिवार से दूरी, ठीक से जाने बिना...

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कच्ची उम्र में पक्की सीख.. #35_टुकड़ों_वाला_प्यार

Atul Malikram Political Strategist

श्रद्धा वॉकर की नृशंस हत्या को वैसे तो कई महीने बीत गए हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले खुले इस राज़ से हर दिन नए-नए खुलासे होते चले जा रहे हैं। किस्सों-कहानियों के माफिक बुनी गई यह दर्दनाक मर्डर मिस्ट्री दुनिया के लिए एक किस्सा ही बनकर रह गई है। उसके माता-पिता और परिवार अपनी बेटी को इतने भयानक तरीके से...

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