Education

समानता की दौड़ से परे नारी का अस्तित्व

Women's existence beyond the race for equality

आज हमारा समाज महिलाओं और पुरुषों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता की वकालत कर रहा है। लेकिन यह निराशाजनक तथ्य है और मुझे इस विचारधारा से बहुत नफरत है। अब बेवजह तो कुछ भी नहीं होता, तो जाहिर है इसकी भी वजह होगी और है भी।   इंसान का उसके जन्म के समय से ही जेंडर निर्धारित कर दिया जाता...

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कहाँ गई वो जादू की पाठशाला?

Where did that magic school go?

एक बच्चे के रूप में मेरा स्कूल बहुत अलग था। आज के बच्चे ऐसी शिक्षा और ऐसे बचपन से कोसों दूर हैं। चीज़ें पहचान से परे हो गई हैं। बूढ़े लोग अक्सर अतीत के बारे में बातें करते हैं। हमारे समय में ऐसा था वैसा था और न जाने क्या-क्या? लेकिन वे सही कहते हैं। आप पूछ सकते हैं कि...

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किताबें झांकती हैं बंद अलमारी के शीशों से……

Books peek through the mirrors of closed cupboards...

एक दौर वह था, जब हमारी सबसे अच्छी मित्र हुआ करती थीं किताबें, जब किताबों से नाता हमारे दिलों में बसता था, जिनसे अब नाता पुराना हो गया है, या यूँ कहें कि नाता ही नहीं रहा। एक समय था जब लोग किताबों की खोज में पुस्तकालयों और बाजारों का सफर किया करते थे। नई पुस्तकों की खुशबू, उनकी परतों...

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अंग्रेजी का बढ़ता प्रचलन, दूर कर रहा हमें मातृभाषा से

The increasing prevalence of English is taking us away from our mother tongue.

क्या मातृभाषा को अनदेखा करना सही है? बात शुरू करता हूँ अंग्रेजी के बढ़ते प्रचलन से। आज सभी अंग्रेजी के पीछे भाग रहे हैं। हमारे देश में अंग्रेजी का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है। आजकल शिक्षा व्यवस्था खासतौर पर अंग्रेजी विद्यालयों में हिंदी का कोई विशेष महत्व नहीं है। तो क्षेत्रीय भाषा की बात ही कौन करे? इसकी वजह...

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भारत के भविष्य को आकार देने में युवाओं की भूमिका को कम नहीं आँका जा सकता

The role of youth in shaping the future of India cannot be underestimated.

भारत को अधिक प्रगतिशील और समृद्ध भविष्य की दिशा की ओर अग्रसर करने में युवा शक्ति अहम् भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का भारत के विकास में अभूतपूर्व योगदान रहा। यही उनकी ख्याति है कि उन्हें ‘भारत के मिसाइल मैन’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने एक बार कहा था, “मेरा संदेश, विशेष रूप से युवा लोगों...

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डिजिटल युवा: समाज में बदलाव लाने और भारत की सफलता के उत्प्रेरक

Digital Youth: Drivers of change in society and catalysts for India's success

इस डिजिटल युग में, देश के युवा इन्फॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी तक अभूतपूर्व पहुँच स्थापित कर चुके हैं, जो देश की प्रगति के लिए सबसे मजबूत घटकों में से एक है। डिजिटल परिदृश्य को नेविगेट करने में उनकी कुशलता समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकती है। सोशल मीडिया के प्रभाव के...

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कल्चर, कनेक्शन और क्रेडिबिलिटी: भारत में रीजनल पीआर के लिए सफलता के पिलर्स

Culture, Connection and Credibility: Pillars of Success for Regional PR in India

आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, प्रभावी पब्लिक रिलेशन्स की महत्ता पहले से कहीं अधिक है, खासकर तब, जब बात भारत के विविध और जीवंत बाजार को नेविगेट करने की आती है। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत में किसी भी पीआर कैंपेन की सफलता कल्चर (संस्कृति), कनेक्शन (संपर्क) और क्रेडिबिलिटी (विश्वसनीयता) की तिकड़ी में महारत हासिल करने पर निर्भर करती...

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“कर भला तो हो भला”; अब भी समय है, इस कहावत को जीवन में उतार लीजिए

"a good deed always comes around"; There is still time, adopt this proverb in your life

जब हम किसी के लिए सहानुभूति और उदारता का भाव रखते हैं, तो समय अपनी झोली में उस सहानुभूति और उदारता का कुछ हिस्सा हमारे लिए सहेजता जाता है कहावत कुछ सुनी-सुनी सी प्रतीत हो रही है न! आप सही समझें हैं, हम सभी ने अपने स्कूल के दिनों में हिंदी विषय में ‘कर भला तो हो भला’ अध्याय पढ़ा...

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