Politics

छोटे राज्यों के गठन में कैसी बुराई?

Political Strategist in India

स्वतंत्रता से पूर्व भारत 17 प्रांतों और 584 रियासतों में बंटा हुआ था। इसके पश्चात् स्वतंत्रता के समय 15 अगस्त 1947 को भारत में 12 राज्य थे। 26 जनवरी 1950 को जब भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बना, तब तक हैदराबाद, जम्मू और कश्मीर, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्य भी भारतीय संघ का हिस्सा बन चुके थे। फिलहाल भारत...

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पृथक राज्य की माँग के साथ कब तक दिव्यांग बना रहेगा बुंदेलखंड?

Political Strategist in India

हर साल बुंदेलखंड में लहलहाएँगे बाग और खिलखिलाएँगी फसलें, की खबरें तो अखबारों की शोभा बढ़ाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी दिल्ली दूर ही नज़र आती है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 जिले मिलाकर बना बुंदेलखंड क्षेत्र आज भी अपनी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है। इसके एक नहीं, बल्कि कई प्रमाण देखने को मिलते हैं। साल...

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चुनावों में होने वाला इतना खर्चा लाते कहाँ से हो बाबू?

Political Strategist in India

भारत देश में चुनावी राजनीति अब आदमी के बस की बात नहीं है। इसके पहले एक सवाल, कि क्या आपने किसी भी पार्टी के चुनाव प्रचार को देखा है? जिसमें चुनाव के समय पर होने वाले अघोषित पैसे का हिसाब आप सोच भी नहीं सकते हैं, जिसमें चल अचल संपत्ति, कार्यकर्ताओं, नेताओं और सरकारी तंत्र और मीडिया के खर्चे, इत्यादि...

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तो इस तरह छत्तीसगढ़ में खुद कांग्रेस नेताओं के सहयोग से बनेगी बीजेपी की सरकार

Political Strategist in India

भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से छत्तीसगढ़ राज्य, मीडिया से लेकर सियासी दलों तक चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकारी योजनाएँ हों, या बघेल की राजनीतिक कुशलता, उन्होंने हर स्तर पर खुद को प्रभावशाली तरीके से स्थापित करने में सफलता हासिल की है। वे पार्टी के राष्ट्रीय मुद्दों में शामिल हो रहे हैं, और महत्वपूर्ण फैसलों में...

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अनुसूचित जाति-जनजाति के मतों को कैसे साधेंगे राजनीतिक दल?

Political Strategist in India

चुनावी मौसम में सभी राजनैतिक दल पिछड़ा वर्ग के हितैषी बन जाते हैं और खासकर दलित-आदिवासियों को अपना वोट बैंक बनाने की कवायद में लग जाते हैं। अपनी राजनैतिक मंशाओं को पूर्ण करने के लिए हर पार्टी एक प्लान बनाती है। सभी दलों की नीतियाँ अलग ज़रूर होती हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही होता है, सत्ता तक पहुँचने...

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किसके पाले में होंगे विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यकों के मत?

Political Strategist

दलित वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुँचने का एक रास्ता है, तभी तो चुनाव पास आते ही नेताओं के भाषणों में दलितों के लिए योजनाओं और उनके प्रति चिंता झलकने लगती है। कई बड़े नेता दलितों के घरों में अचानक हाल समाचार पूछने चले जाते हैं, तो कई नेता दलितों के घरों में भोजन भी करने लगते हैं।...

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उम्मीदवारों के चुनाव में कौन सा फार्मूला अपनाएगी कांग्रेस?

Political Strategist in India

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को हैं। 2018 में जनता ने कांग्रेस को चुना था, हालाँकि 2020 में कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद सत्ता कांग्रेस से छीन ली गई थी। अब ऐसे में 2023 के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस जानती है, इस जंग को जीतने के लिए उसे एक अचूक फॉर्मूले की ज़रूरत...

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मध्य प्रदेश में सरकार बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाएगा तीसरा दल

Atul Malikram

एक तरफा जीत से वंचित रहेंगी बीजेपी-कांग्रेस, तीसरे दलों का दिखेगा कमाल भारत जोड़ो यात्रा से लबरेज कांग्रेस और सत्ता सुख में खोई बीजेपी की खामियों का फायदा उठाएगा तीसरा दल इस साल नवंबर दिसंबर में तीन प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग की तारीखों में अभी भले वक्त हो...

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मध्यप्रदेश विधानसभा 2023 में बीजेपी की चुनावी रणनीति

Indian Political Strategist

मध्यप्रदेश में लगातार सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को अब जनता की नाराज़गी झेलना पड़ रही है। बढ़ती महँगाई और विकास के दावों की हकीकत से जनता खुश नहीं है। बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती वह वर्ग है, जो हमेशा से पार्टी के साथ हुआ करता था, यानी व्यापारी वर्ग, क्योंकि व्यापारी वर्ग बीजेपी से नाखुश है। विधानसभा चुनाव...

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