शिक्षकों का शिक्षित होना बेहद जरूरी; संस्कार के महत्व को समझें

It is very important for teachers to be educated; Understand the importance of culture

शिक्षा ग्रहण करने के लिए शिक्षक का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। एक शिक्षक द्वारा पढ़ाया गया हर एक पाठ उनके विद्यार्थियों पर गहरा असर डालती है, जिसका असर समाज पर भी होता है, क्योंकि शिक्षा देना ज्ञान का विषय है और यदि किसी शिक्षक के पास ज्ञान ही अधूरा है, तो यह ज्ञान विद्यार्थियों की जिंदगी भी बर्बाद कर सकता है, इसलिए शिक्षक को योग्य होना बेहद जरूरी है।

योग्यता के साथ-साथ एक शिक्षक को प्रशिक्षित भी होना चाहिए। शिक्षक को ज्ञान का भंडार माना जाता है, शिक्षक ही उनके विद्यार्थियों को परिपूर्ण शिक्षा दे सकता है।

बोलने और समझाने की आकर्षक कला से परिपूर्ण

एक शिक्षक का बेहतरीन व्यक्तित्व उसके बोलने के तरीके पर निर्भर करता है कि वह किस तरह अपने विद्यार्थियों से संपर्क करता है। यदि उनमें यह गुण है, तो निश्चित ही विद्यार्थी भी उनसे आकर्षित होते हैं।

कब, कहाँ, कितना बोलना है और समझाना है, शिक्षक को भली-भाँति आना चाहिए। एक विद्यार्थी हमेशा यह चाहता है कि उसका शिक्षक उसे सरल और सटीक भाषा में समझाए। एक अच्छे शिक्षक में अच्छा वक्ता का होना भी आवश्यक है, क्योंकि इससे विद्यार्थी उसे बेहतर समझ पाएँगे और ध्यान दे पाएँगे।

शिक्षा देने का अंदाज हो निराला

यह अत्यंत आवश्यक है कि शिक्षक को अपने पढ़ाने के तरीके पर पूरी तरह आत्मविश्वास हो, जिससे वह बेझिझक बच्चों के प्रश्नों का उत्तर सही ढंग से दे सके, जिससे विद्यार्थी का ध्यान ना भटके। वह खेल-खेल में उन्हें सिखाएँ, तो ज्यादा बेहतर होगा। इसके साथ ही यदि वे उच्च शिक्षा में कार्यरत हैं, तो उन्हें कुछ प्रैक्टिकल करके समझाना ज्यादा उचित होगा। यह कह सकते हैं कि शिक्षक बच्चों को पढ़ाने का वह तरीका ढूँढे, जिससे बच्चों का ध्यान लगा रहे।

विद्यार्थी के मन को भाप लेने की कुशलता

विद्यालय में कई तरह के बच्चे होते हैं, जो शरारती भी होते हैं और शांतिप्रिय भी होते हैं, ऐसी स्थिति में शिक्षक को उनके मन को समझकर उन्हें सूझबूझ से पढ़ाना चाहिए और इस कला को समझने वाला ही एक अच्छा शिक्षक हो सकता है। बच्चों के मनोविज्ञान को समझकर शिक्षक उनकी समस्याओं का समाधान आसानी से दे सकता है। इसके साथ ही यदि शिक्षक छात्रों के साथ अच्छा संबंध बनाते हैं, तो बच्चों को भी उनकी बात समझने में आसानी रहती है। अच्छे व्यवहार के चलते ही एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के मन पर एक अमिट छाप छोड़ सकता है।

शिक्षक पक्षपाती न हो

पक्षपात विद्यार्थियों के मन में गहरा प्रभाव डालता है। शिक्षक को सभी स्तर के बच्चों से एक समान भाव रखना चाहिए। यदि कोई बच्चा समझदार है, तो उसे ज्यादा महत्व देकर निम्न स्तर के बच्चों को कम न समझें, बल्कि उन्हें भी प्रोत्साहित करें, जिससे वे अपनी क्षमताओं को पहचान कर आगे बढ़ते रहें।

आज बच्चों के जीवन जीने के तरीकों में शिक्षा ग्रहण करने में पहले से काफी बदलाव आया है। आज हर कोई अपना जीवन अपने अंदाज़ में व्यतीत करना चाहता है और खासकर आज की युवा पीढ़ी। उन्हें किसी भी काम में हस्तक्षेप पसंद नहीं है। इस तरह का जीवन जीने में आज के युवा अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रहे हैं, जिसका समाज और उनके परिवार पर बुरा असर पड़ रहा है।

किसी भी छात्र की जीवन जीने की शैली पर, विशेषकर उसके अभिभावक और उसके शिक्षक का काफी प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि यह एक अभिवावक और शिक्षक का फर्ज़ है कि वे बिना अपने बच्चे और अपने छात्र की भावनाओं को ठेस पहुँचाते हुए उसे परिवार, राष्ट्र और समाज के प्रति उसके दायित्व से अवगत कराएँ। इसके साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक में छात्र को आदेश देने के नहीं, बल्कि निर्देश देने के गुण होने चाहिए। जरूरत पड़ने पर आप बच्चों को डाँटें भी और एक मित्र की तरह व्यवहार भी करें, तभी बच्चा बेझिझक होकर अपनी सारी समस्याएँ आपको बता पाएगा, जो डर से नहीं, बल्कि विनम्रता से ही संभव है।

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