2030 के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर हुआ एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों का चुनाव तीन राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत ने आम जनमानस के साथ दोनों प्रमुख दलों को भी चौंकाने का काम किया, लेकिन इससे भी कहीं अधिक इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के चुनाव ने सत्ता दल के दिग्गज नेताओं...
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कल्चर, कनेक्शन और क्रेडिबिलिटी: भारत में रीजनल पीआर के लिए सफलता के पिलर्स
आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, प्रभावी पब्लिक रिलेशन्स की महत्ता पहले से कहीं अधिक है, खासकर तब, जब बात भारत के विविध और जीवंत बाजार को नेविगेट करने की आती है। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत में किसी भी पीआर कैंपेन की सफलता कल्चर (संस्कृति), कनेक्शन (संपर्क) और क्रेडिबिलिटी (विश्वसनीयता) की तिकड़ी में महारत हासिल करने पर निर्भर करती...
Continue reading...अच्छी परवरिश पर पैसा भारी
अपनी खुशियाँ न्यौंछावर करके एक पिता अपने बेटे को करोड़ों रुपए कमाने के लायक बनाता है, और इस काबिल होने के बाद वही बेटा उस पिता से कौड़ियों की भाँति व्यवहार करने लगता है। यह एक ऐसा कटु सत्य है, जिससे कलयुग और विशेष रूप से इस मॉडर्न ज़माने का कोई भी व्यक्ति मुकर नहीं सकता। इससे पहले के दो...
Continue reading...लोकतंत्र को आकार देने में युवा मतदाताओं की भूमिका अहम्
भारत में युवा मतदाताओं की भूमिका का बहुत अधिक महत्व है, जो देश में उनकी व्यापक संख्या और लोकतंत्र को गहन रूप से प्रभावित करने की क्षमता से प्रेरित है। एक प्रमुख जनसांख्यिकीय के रूप में, युवा देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही, चुनावी परिणामों, नीतियों और राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।...
Continue reading...राजनेताओं की शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा बहुत गंभीर है: राजनेताओं को शिक्षित होना ही चाहिए
The issue of educational qualification of politicians is very serious: Politicians must be educated
Continue reading...समावेशिता और प्रतिनिधित्व के आह्वान से ही राजनीति में सशक्त बन सकेंगे भारत के युवा
वास्तविक लोकतंत्र का आधार लोकप्रिय संप्रभुता को माना जाता है, जहाँ सरकार को स्वयं लोगों से शक्ति प्राप्त होती है। निर्वाचित अधिकारी तब तक ही अधिकार रखते हैं, जब तक वे नागरिकों की इच्छा और आकाँक्षाओं के अनुरूप होते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि वास्तविक रूप से वे लोग सशक्त रहें, जो लोकतंत्र के हित में कार्य करते हैं।...
Continue reading...गुरु-शिष्य परंपरा को फिर से शुरू करना बहुत जरुरी
प्राचीनकाल से ही शिक्षा मानव सभ्यता का जरूरी हिस्सा रही है। समय बदलने के साथ शिक्षा का स्वरूप भी बदला है। प्राचीन शिक्षा प्रणाली कि यदि बात करें, तो आज भी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली प्रेरणा का मुख्य स्रोत बनी हुई है। एक समय था, जब देश में हजारों की संख्या में गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति के माध्यम से बच्चे शिक्षा के...
Continue reading...आगे पाठ-पीछे सपाट?
नींव कमजोर होगी, तो मकान का अस्तित्व अधिक समय तक टिक नहीं सकता। उसी तरह शिक्षा का भी महत्व है। बच्चों की बेसिक पढ़ाई मजबूत रहेगी, तो बड़ी कक्षाओं में आकर बच्चे और बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं। नींव को मजबूत कर लिया जाए, तो शिक्षा का स्तर 100 प्रतिशत सुधर सकता है। एक मुहावरा याद आता है कि “आगे...
Continue reading...ऑनलाइन शिक्षा के कई फायदे, तो नुकसान भी
ऑनलाइन शिक्षा आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति का एक अच्छा उदाहरण बनकर उभरी है। इसमें इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की जाती है। कोरोना काल से यह प्रचलन तेजी से सामने आया है, जिसमें अनेक स्कूल और शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को अपनाकर इसे अधिक उपयोग में लाया है। यह एक ऐसा माध्यम है कि...
Continue reading...क्या ऑनलाइन शिक्षा, स्कूल की कक्षा से बेहतर विकल्प हो सकता है?
स्कूल की कक्षा यानि विद्यालयीन शिक्षा सर्वश्रेष्ठ है, जो अब लुप्त होने के कगार पर दिखाई दे रही है। कहीं यह हमारे समाज की सबसे बड़ी भूलों में से एक न बन जाए। पारंपरिक शिक्षा में एक निश्चित कार्यक्रम, परस्पर संचार और सख्त अनुशासन छात्रों का सटीक मार्गदर्शन करते हैं। पूरी तरह से शिक्षा ग्रहण एवं उसे कैसे आचार-विचार में...
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