Public Relations

नीतीश का राजनीतिक चरित्र समझना उन्हें पलटीमार बताने जितना आसान नहीं

Understanding Nitish's political character is not as easy as calling him a counter-attacker.

कुछ ही महीने पहले बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 9वीं बार शपथ लेने वाले नीतीश कुमार, राजधानी पटना में 18 विपक्षी दलों के साथ बीजेपी के खिलाफ पहली बैठक की मेजबानी कर रहे थे। आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व यह पहला मौका था, जब बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए एक संगठित विपक्ष की चुनौती तैयार हो रही...

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समानता की दौड़ से परे नारी का अस्तित्व

Women's existence beyond the race for equality

आज हमारा समाज महिलाओं और पुरुषों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता की वकालत कर रहा है। लेकिन यह निराशाजनक तथ्य है और मुझे इस विचारधारा से बहुत नफरत है। अब बेवजह तो कुछ भी नहीं होता, तो जाहिर है इसकी भी वजह होगी और है भी।   इंसान का उसके जन्म के समय से ही जेंडर निर्धारित कर दिया जाता...

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मुद्दा नजरिए का है, गलत वो भी नहीं, गलत हम भी नहीं..

The issue is of perspective, he is not wrong, we are also not wrong.

“यह छह है, अरे नहीं, नहीं यह नौ है.. अरे भई! साफ दिखाई दे रहा है यह छह है.. नहीं, यह नौ है, तुम मेरी जगह पर आकर देखो..” इस दुनिया में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना मस्तिष्क है, तो स्वाभाविक-सी बात है कि हर एक व्यक्ति एक अलग सोच और स्वतंत्र विचार भी रखता है। इस बात...

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वो बातें, जो भगवान श्री कृष्ण से पीआर प्रोफेशनल्स को जरूर सीखना चाहिए

Those things which PR professionals must learn from Lord Shri Krishna

पब्लिक रिलेशन्स (पीआर) की दुनिया लगातार विकसित हो रही है। इस विकास के साथ ही साथ अपने क्षेत्र विशेष की जटिलताओं से निपटने के लिए प्रोफेशनल्स को न सिर्फ लगातार प्रेरणा, बल्कि सार्थक मार्गदर्शन की भी जरुरत होती है। गहन ज्ञान और शाश्वत शिक्षाओं का एक ऐसा ही सटीक स्रोत प्राचीन भारतीय महाकाव्य, भगवद्गीता से मिलता है। इस महाकाव्य में...

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कहाँ गई वो जादू की पाठशाला?

Where did that magic school go?

एक बच्चे के रूप में मेरा स्कूल बहुत अलग था। आज के बच्चे ऐसी शिक्षा और ऐसे बचपन से कोसों दूर हैं। चीज़ें पहचान से परे हो गई हैं। बूढ़े लोग अक्सर अतीत के बारे में बातें करते हैं। हमारे समय में ऐसा था वैसा था और न जाने क्या-क्या? लेकिन वे सही कहते हैं। आप पूछ सकते हैं कि...

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सोने की चिड़िया में फिर बसने लगे प्राण

The golden bird started coming to life again

अपने पिंजरे की बेड़ियों को तोड़ते हुए अभूतपूर्व गति से उड़ने लगी सोने की चिड़िया  भारत एक ऐसा नाम है, जो दुनिया के शक्तिशाली देशों के दायरे से अरसे से अछूता रहा है, यह बात और है कि किसी ज़माने में हमारे देश का दूसरा नाम ‘सोने की चिड़िया’ विश्व में शंखनाद करता था। जिस देश का कोहिनूर सदियों से...

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