अपनी खुशियाँ न्यौंछावर करके एक पिता अपने बेटे को करोड़ों रुपए कमाने के लायक बनाता है, और इस काबिल होने के बाद वही बेटा उस पिता से कौड़ियों की भाँति व्यवहार करने लगता है। यह एक ऐसा कटु सत्य है, जिससे कलयुग और विशेष रूप से इस मॉडर्न ज़माने का कोई भी व्यक्ति मुकर नहीं सकता। इससे पहले के दो...
Continue reading...Atul Malikram
अच्छी लाइफ सेट करने में कौन-सा सिलेबस बड़ा: स्कूल का या फिर जिंदगी का?
आपको 3 इडियट्स का यह गाना तो याद ही होगा “गिव मी सम सनशाइन गिव मी सम रेन गिव मी अनदर चांस आई वॉना ग्रो उप वन्स अगेन” “99 परसेंट मार्क्स लाओगे, तो घड़ी वरना छड़ी” अक्सर आपने यह भी सुना होगा कि 10वीं कक्षा अच्छे अंकों से पास कर लो, फिर लाइफ सेट हो जाएगी। या 12वीं कक्षा अच्छे...
Continue reading...एम्प्लॉयीज़ से चलती है कंपनी
यह शत-प्रतिशत सत्य है। जब भी कोई कंपनी अपनी नींव रखने के बाद नए आयाम छूती है, तरक्की करती है, नई दिशाओं में आगे बढ़ती है और सफल होती है, तो बेशक उसमें बॉस का अहम् योगदान होता है। लेकिन सबसे बड़ा योगदान होता है, उसमें काम करने वाले एम्प्लॉयीज़ का, जो इसे अपनी कर्मस्थली मानते हैं। और सही मायने...
Continue reading...लोकतंत्र को आकार देने में युवा मतदाताओं की भूमिका अहम्
भारत में युवा मतदाताओं की भूमिका का बहुत अधिक महत्व है, जो देश में उनकी व्यापक संख्या और लोकतंत्र को गहन रूप से प्रभावित करने की क्षमता से प्रेरित है। एक प्रमुख जनसांख्यिकीय के रूप में, युवा देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही, चुनावी परिणामों, नीतियों और राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।...
Continue reading...राजनेताओं की शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा बहुत गंभीर है: राजनेताओं को शिक्षित होना ही चाहिए
The issue of educational qualification of politicians is very serious: Politicians must be educated
Continue reading...समावेशिता और प्रतिनिधित्व के आह्वान से ही राजनीति में सशक्त बन सकेंगे भारत के युवा
वास्तविक लोकतंत्र का आधार लोकप्रिय संप्रभुता को माना जाता है, जहाँ सरकार को स्वयं लोगों से शक्ति प्राप्त होती है। निर्वाचित अधिकारी तब तक ही अधिकार रखते हैं, जब तक वे नागरिकों की इच्छा और आकाँक्षाओं के अनुरूप होते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि वास्तविक रूप से वे लोग सशक्त रहें, जो लोकतंत्र के हित में कार्य करते हैं।...
Continue reading...करियर स्टेप्स, जो बेहद मायने रखते हैं: इन्क्लूज़न, इन्फ्लुएंस और इम्पैक्ट
यदि आप अपने करियर को लेकर असमंजस में हैं या फिर यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस दिशा में आगे बढ़ना है, तो यह याद रखना सबसे अधिक जरुरी है कि सफलता का रास्ता करियर के उतार-चढ़ाव से होकर ही जाता है, जरुरत होती है, तो सिर्फ निरंतर आगे बढ़ते रहने की। हालाँकि, व्यक्ति को चाहिए कि...
Continue reading...व्यवसायों के लिए केवल लाभ का विषय ‘बार्टर डील’
एक ऐसी दुनिया, जहाँ रुपया-पैसा या करंसी ही एक्सचेंज का प्राथमिक माध्यम है, वहाँ बार्टरिंग का कॉन्सेप्ट काफी पुराना मालूम पड़ता है। हालाँकि, मौजूदा बिज़नेस परिदृश्य में देखें, तो नकदी का उपयोग किए बिना, अपना क्लाइंट बेस बढ़ाने के साथ-साथ रेवेन्यू में जरुरी वृद्धि के लिए, बार्टर सिस्टम एक प्रभावी रणनीति साबित हुई है। दो दशकों से अधिक के अनुभव...
Continue reading...कभी-कभी चुप रहना, जवाब देने से ज्यादा प्रभावी हो सकता है
बेशक क्राइसिस मैनेजमेंट कठिन हो सकता है, लेकिन कुछ समय के लिए रुकने और शांत रहने से आपको अपनी ब्रांड प्रतिष्ठा की रक्षा करने में मदद मिल सकती है। कुछ स्थितियों में, एक टूल के रूप में मौन का उपयोग करना आवेगपूर्ण प्रतिक्रिया देने से अधिक प्रभावी हो सकता है। जानना चाहेंगे, कैसे? पीआर में दो दशकों से अधिक के...
Continue reading...पीआर परिदृश्य में किस तरह क्राँति ला रही है क्रिएटर इकॉनमी?
कहानी कहने की कला और आकर्षक कॉन्टेंट हमेशा ही दर्शकों के मन-मस्तिष्क में विशेष स्थान रखते हैं। सोशल मीडिया के आगमन ने इस विशेष कला को ऊँचा उड़ने के लिए नए पंख दिए हैं, जिसके माध्यम से स्टोरीटेलिंग आर्टिस्ट्स को बतौर ऑनलाइन खुद को अभिव्यक्त करने के असीमित अवसरों की सौगात मिली है। पहले के समय में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स सिर्फ...
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