समाज

जेलों की स्थिति में सुधार न करके, कहीं हम अपराध को बढ़ावा तो नहीं दे रहे?

By not improving the conditions of prisons, are we encouraging crime?

लम्बे समय से यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि भारत में जेलों की स्थिति उस स्तर की नहीं है, जो कि वास्तव में होना चाहिए। दरअसल, विगत कुछ वर्षों में देश की जेलों की हालत बद से बदतर हो गई है। मानवाधिकारों और कानून के शासन को महत्व देने वाले समाज के लिए जेलों की बदतर स्थिति एक...

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अब भी नहीं जागी, तो कब जागेगी सरकार – घुमंतू समाज

If the government has not woken up yet, then when will the government wake up - Nomadic Society

इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, दशकों से सो रही सरकार को अब जागने की सख्त जरुरत है भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार देने में खानाबदोश समुदायों की भूमिका हमेशा ही महत्वपूर्ण रही है। ये समुदाय संगीत, कला और परंपराओं के अद्भुत प्रचारक रहे हैं। भारत भर में घूम-घूमकर अपना जीवन यापन करने वाले प्रत्येक खानाबदोश समुदाय को...

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यदि अब भी नहीं, तो आखिर कब?

If not now, then when?

रतन टाटा को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करना, क्या भूल चुका है देश? 85 वर्षीय बिज़नेस टाइकून- रतन टाटा, जिन्होंने बार-बार स्वयं को महज़ एक उद्योगपति से कहीं अधिक साबित किया है, उन्हें कभी वह तवज्जो नहीं दी गई, जिसके वे वास्तव में हकदार हैं। रतन टाटा उस हर एक भारतीय के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, जो अपने जीवन...

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भारत के युवा ही निर्माता हैं आधुनिक भारत के

India's youth are the creators of modern India

यदि हम इतिहास उठाकर देखें, तो यह पायेगें कि आज तक दुनिया में जितने भी क्राँतिकारी परिवर्तन हुए हैं, चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या वैज्ञानिक रहे हों, उनके प्रमुख आधार युवा ही रहे हैं। भारत में युवाओं का एक समृद्ध इतिहास है। प्राचीनकाल की यदि बात करें, तो आदिगुरु शंकराचार्य से लेकर गौतम बुद्ध और भगत सिंह ने...

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बेहतर भविष्य के लिए रचना, नए विश्व की..

Creation for a better future, a new world.

वर्तमान परिदृश्य में, विश्व एक स्थायी भविष्य के सृजन में एकजुट है। पर्यावरण के विषय में यह स्थिरता, पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों, इकोसिस्टम, जलवायु और वातावरण के प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर है, ताकि वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियाँ भी एक सभ्य जीवन जी सकें और लाखों अन्य जीव, जिनके साथ हम पृथ्वी की इस एक ही छत के...

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लालकृष्ण आडवाणी के बाद सिंधी समुदाय को सांसद शंकर लालवानी से उम्मीदें

After LK Advani, Sindhi community has expectations from MP Shankar Lalwani

वह समाज, जिसने भारत के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया। 1947 में हुए देश के विभाजन ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया। जिन्होंने भारत को चुना, उन्हें अपना घर, जमीन, जायदाद, सब पीछे छोड़कर भागना पड़ा। हालाँकि, इस त्रासदी का यदि कोई सबसे अधिक शिकार हुआ, तो वह था सिंधी समाज। वह समाज, जिसने भारत के...

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कल खेल में हम हों न हों..

We may or may not be in the game tomorrow.

हाल ही में महज़ 53 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने की वजह से दुनिया को अलविदा कहने वाले बेहतरीन गायक और शानदार शख्सियत ‘केके’, बीते वर्ष 40 वर्षीय परफैक्टली फिट नजर आने वाले अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला और कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार 46 वर्षीय पुनीत राजकुमार कुछ ऐसे नाम हैं, जो मेरे ज़हन में इतनी गहराई से उतर...

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