Despite economic progress, millions in India remain trapped in poverty. Will the country break free from hunger, inequality, and unemployment by 2030?
Continue reading...भारत का घुमंतु समाज: डॉ. अतुल मलिकराम की दृष्टि से इतिहास, संस्कृति और अधिकार
भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक परिदृश्य में घुमंतु समाज का स्थान अद्वितीय और गहरा है। यह कोई अलग या पृथक वर्ग नहीं, बल्कि भारत की सभ्यता की जीवंत धारा है — एक ऐसी धारा जो हजारों वर्षों से घूमती रही है, लेकिन कभी भी अपनी जड़ों से विचलित नहीं हुई। नट, सपेरा, बंजारा, लोहार, बैरवा, बावरिया, गारसिया, जोगी, टोड़ा,...
Continue reading...किसने बनाए हैं ‘जूठन’ और ‘उतरन’ जैसे शब्द?
लम्बे समय की सेविंग के बाद पिछले महीने ही अपने लिए इतना महँगा शर्ट खरीदा था, इतनी जल्दी यह मुझे छोटा होने लगा है, एक काम करता हूँ किसी को दे देता हूँ.. आज फिर माँ ने टिफिन में दो रोटी ज्यादा रख दी, यह फिर फेंकने में जाएगी, किसी को दे देता हूँ.. यह जो हमारे द्वारा अपने कपड़ों...
Continue reading...सतत विकास लक्ष्यों के प्रति देश को जागरूक बना रहा #2030KaBharat कैम्पेन
#2030KaBharat campaign making the country aware of sustainable development goals.
Continue reading...विविधता की शक्ति या एकता का माध्यम- हिंदी
Power of diversity or medium of unity- Hindi.
Continue reading...मोदी जी की हुँकार.. मध्य प्रदेश में चाहिए सिर्फ ‘भाजपा सरकार’
Modi ji’s roar… only ‘BJP government’ is needed in Madhya Pradesh
Continue reading...खुद को सबसे ऊपर व्यक्त करने से लेकर खुद को सबसे नीचे पाने तक: सोशल मीडिया का भयानक पक्ष
From Expressing Yourself at the Top to Finding Yourself at the Bottom: The Scary Side of Social Media
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