एक बच्चे के रूप में मेरा स्कूल बहुत अलग था। आज के बच्चे ऐसी शिक्षा और ऐसे बचपन से कोसों दूर हैं। चीज़ें पहचान से परे हो गई हैं। बूढ़े लोग अक्सर अतीत के बारे में बातें करते हैं। हमारे समय में ऐसा था वैसा था और न जाने क्या-क्या? लेकिन वे सही कहते हैं। आप पूछ सकते हैं कि...
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सोने की चिड़िया में फिर बसने लगे प्राण
अपने पिंजरे की बेड़ियों को तोड़ते हुए अभूतपूर्व गति से उड़ने लगी सोने की चिड़िया भारत एक ऐसा नाम है, जो दुनिया के शक्तिशाली देशों के दायरे से अरसे से अछूता रहा है, यह बात और है कि किसी ज़माने में हमारे देश का दूसरा नाम ‘सोने की चिड़िया’ विश्व में शंखनाद करता था। जिस देश का कोहिनूर सदियों से...
Continue reading...अच्छी लाइफ सेट करने में कौन-सा सिलेबस बड़ा: स्कूल का या फिर जिंदगी का?
आपको 3 इडियट्स का यह गाना तो याद ही होगा “गिव मी सम सनशाइन गिव मी सम रेन गिव मी अनदर चांस आई वॉना ग्रो उप वन्स अगेन” “99 परसेंट मार्क्स लाओगे, तो घड़ी वरना छड़ी” अक्सर आपने यह भी सुना होगा कि 10वीं कक्षा अच्छे अंकों से पास कर लो, फिर लाइफ सेट हो जाएगी। या 12वीं कक्षा अच्छे...
Continue reading...गुरु-शिष्य परंपरा को फिर से शुरू करना बहुत जरुरी
प्राचीनकाल से ही शिक्षा मानव सभ्यता का जरूरी हिस्सा रही है। समय बदलने के साथ शिक्षा का स्वरूप भी बदला है। प्राचीन शिक्षा प्रणाली कि यदि बात करें, तो आज भी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली प्रेरणा का मुख्य स्रोत बनी हुई है। एक समय था, जब देश में हजारों की संख्या में गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति के माध्यम से बच्चे शिक्षा के...
Continue reading...आगे पाठ-पीछे सपाट?
नींव कमजोर होगी, तो मकान का अस्तित्व अधिक समय तक टिक नहीं सकता। उसी तरह शिक्षा का भी महत्व है। बच्चों की बेसिक पढ़ाई मजबूत रहेगी, तो बड़ी कक्षाओं में आकर बच्चे और बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं। नींव को मजबूत कर लिया जाए, तो शिक्षा का स्तर 100 प्रतिशत सुधर सकता है। एक मुहावरा याद आता है कि “आगे...
Continue reading...ऑनलाइन शिक्षा के कई फायदे, तो नुकसान भी
ऑनलाइन शिक्षा आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति का एक अच्छा उदाहरण बनकर उभरी है। इसमें इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की जाती है। कोरोना काल से यह प्रचलन तेजी से सामने आया है, जिसमें अनेक स्कूल और शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को अपनाकर इसे अधिक उपयोग में लाया है। यह एक ऐसा माध्यम है कि...
Continue reading...क्या ऑनलाइन शिक्षा, स्कूल की कक्षा से बेहतर विकल्प हो सकता है?
स्कूल की कक्षा यानि विद्यालयीन शिक्षा सर्वश्रेष्ठ है, जो अब लुप्त होने के कगार पर दिखाई दे रही है। कहीं यह हमारे समाज की सबसे बड़ी भूलों में से एक न बन जाए। पारंपरिक शिक्षा में एक निश्चित कार्यक्रम, परस्पर संचार और सख्त अनुशासन छात्रों का सटीक मार्गदर्शन करते हैं। पूरी तरह से शिक्षा ग्रहण एवं उसे कैसे आचार-विचार में...
Continue reading...5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएँ क्या मजबूत कर सकेंगी शिक्षा की डाँवाडोल नींव को?
ठीक पाँच वर्ष पहले शिक्षा मंत्रालय ने वर्तमान एजुकेशनल सिस्टम में सुधार के उद्देश्य से एक साहसिक कदम उठाया था, जिसके तहत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं पर अंकुश लगाने का फैसला लिया गया था। परिणामस्वरूप, पुराने मार्किंग सिस्टम की जगह नया ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर दिया गया। इस नए सिस्टम के अनुसार, 8वीं कक्षा...
Continue reading...वर्तमान शिक्षा पद्धति में क्यों है बदलाव की जरूरत?
यदि हम भारतीय शिक्षा प्रणाली के इतिहास को उठाकर देखें तो इसके विकास की प्रक्रिया निरंतर चली आ रही है। प्राचीन काल में शिक्षा का मूल उद्देश्य विचारों का विस्तार तथा मानव जीवन से संबंधित समस्याओं का समाधान करना एवं ज्ञान अर्जित करना था। जिसके लिए गुरुकुल में छात्रों को विवेक व सही चिंतन की शिक्षा दी जाती थी। वर्तमान...
Continue reading...शिक्षकों का शिक्षित होना बेहद जरूरी; संस्कार के महत्व को समझें
शिक्षा ग्रहण करने के लिए शिक्षक का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। एक शिक्षक द्वारा पढ़ाया गया हर एक पाठ उनके विद्यार्थियों पर गहरा असर डालती है, जिसका असर समाज पर भी होता है, क्योंकि शिक्षा देना ज्ञान का विषय है और यदि किसी शिक्षक के पास ज्ञान ही अधूरा है, तो यह ज्ञान विद्यार्थियों की जिंदगी भी बर्बाद कर...
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