मिग-27 हुआ रिटायर, आप कब रिटायर होंगे नेताजी?

MiG-27 retired, when will you retire Netaji?

युवा भारत को कैसे मजबूती देंगे ये बुजुर्ग कंधे?

कारगिल युद्ध में दुश्मनों को चुन-चुनकर मारने वाला योद्धा मिग-27 तीन दशकों तक देश की सेवा करने के बाद अब रिटायर हो चुका है। कारगिल युद्ध के इस हीरो के रिटायरमेंट से अगर किसी को सबक लेने की जरुरत है, तो वह है हमारे देश के बुजुर्ग नेता।

‘भारतीय राजनीति में रिटायरमेंट की उम्र नहीं होती है।’ भारतीय नेता यह बात गांठ बाँध चुके हैं, और शायद यही वजह है कि राजनीति की पिच पर हाफ सेंचुरी लगा चुके नेता भी कुर्सी का मोह नहीं त्याग पा रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि जब कारगिल के हीरो के रिटायरमेंट की उम्र हो सकती है, तो फिर नेताजी की क्यों नहीं।

साफ शब्दों में कहूँ, तो निजी और सरकारी संस्थानों में कार्य कर रहे लोग 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं। एक्सटेंशन के नाम पर ज्यादा से ज्यादा उनका पद 2 सालों के लिए बढ़ाया जाता है, क्योंकि हर संस्थान यह समझता है कि एक उम्र तक ही कोई व्यक्ति कार्य में अपना शत-प्रतिशत दे सकता है। उम्र हो जाने के बाद शरीर और दिमाग दोनों को ही आराम की जरुरत पड़ती है, और इस बात को सभी संस्थान भली-भांति से समझते हैं, तो फिर वो पार्टियां, जिनमें इन बुजुर्ग नेताओं की भरमार है, वो यह बात क्यों नहीं समझ पा रही हैं।

शायद भारतीय राजनीति में टिके रहने के लिए अनुभव जरूरी है, लेकिन एक उम्र के बाद चुनाव के मैदान में उतरने का मतलब देश के साथ नाइंसाफी करना है क्योंकि इस उम्र में न शरीर चलता है और न ही दिमाग साथ दे पाता है। ऐसे में वो नेता, जो इस उम्र में कुर्सी का मोह नहीं त्याग पाते हैं, वो निश्चित रूप से देश के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। ऐसे में नेताओं के लिए भी रिटायरमेंट की उम्रसीमा होना जरूरी है।

जब भी हम भारतीय राजनीति का चेहरा देखते हैं तो इसमें बदलाव के बयार की जरूरत महसूस होती है। अगर भारत सर्वाधिक युवा देश है, तो इसकी झलक राजनीति में क्यों नहीं दिखाई पड़ती। युवा भारत को ऐसे युवा नेताओं की जरुरत है, जो कि अपनी चाणक्य नीतियों, कर्मठता और समर्पण से देश को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सके, इसलिए युवाओं से उम्मीद है कि वो राजनीति में कदम रखें, और बुजुर्ग नेताओं से अपेक्षा है कि वो रिटायर होना सीखें।

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