आपको 3 इडियट्स का यह गाना तो याद ही होगा “गिव मी सम सनशाइन गिव मी सम रेन गिव मी अनदर चांस आई वॉना ग्रो उप वन्स अगेन” “99 परसेंट मार्क्स लाओगे, तो घड़ी वरना छड़ी” अक्सर आपने यह भी सुना होगा कि 10वीं कक्षा अच्छे अंकों से पास कर लो, फिर लाइफ सेट हो जाएगी। या 12वीं कक्षा अच्छे...
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एम्प्लॉयीज़ से चलती है कंपनी
यह शत-प्रतिशत सत्य है। जब भी कोई कंपनी अपनी नींव रखने के बाद नए आयाम छूती है, तरक्की करती है, नई दिशाओं में आगे बढ़ती है और सफल होती है, तो बेशक उसमें बॉस का अहम् योगदान होता है। लेकिन सबसे बड़ा योगदान होता है, उसमें काम करने वाले एम्प्लॉयीज़ का, जो इसे अपनी कर्मस्थली मानते हैं। और सही मायने...
Continue reading...लोकतंत्र को आकार देने में युवा मतदाताओं की भूमिका अहम्
भारत में युवा मतदाताओं की भूमिका का बहुत अधिक महत्व है, जो देश में उनकी व्यापक संख्या और लोकतंत्र को गहन रूप से प्रभावित करने की क्षमता से प्रेरित है। एक प्रमुख जनसांख्यिकीय के रूप में, युवा देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही, चुनावी परिणामों, नीतियों और राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।...
Continue reading...राजनेताओं की शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा बहुत गंभीर है: राजनेताओं को शिक्षित होना ही चाहिए
The issue of educational qualification of politicians is very serious: Politicians must be educated
Continue reading...समावेशिता और प्रतिनिधित्व के आह्वान से ही राजनीति में सशक्त बन सकेंगे भारत के युवा
वास्तविक लोकतंत्र का आधार लोकप्रिय संप्रभुता को माना जाता है, जहाँ सरकार को स्वयं लोगों से शक्ति प्राप्त होती है। निर्वाचित अधिकारी तब तक ही अधिकार रखते हैं, जब तक वे नागरिकों की इच्छा और आकाँक्षाओं के अनुरूप होते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि वास्तविक रूप से वे लोग सशक्त रहें, जो लोकतंत्र के हित में कार्य करते हैं।...
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