The mistake of forgetting the gratitude after learning and the pride of becoming a teacher in the mind.
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कलम की टीस..
मैं कलम हूँ। मैं क्या कर सकती हूँ, कोई आसानी से नहीं समझ सकता। वो सब, जो नहीं समझते उनके लिए मैं एक निर्जीव वस्तु हूँ, न हिल सकती हूँ, न साँस ले सकती हूँ, केवल एक प्लास्टिक से बनी हुई वस्तु हूँ.. लेकिन हकीकत उनकी सोच से कोसों परे है। मैं क्या कर सकती हूँ, यह तो वही व्यक्ति...
Continue reading...अच्छी परवरिश पर पैसा भारी
अपनी खुशियाँ न्यौंछावर करके एक पिता अपने बेटे को करोड़ों रुपए कमाने के लायक बनाता है, और इस काबिल होने के बाद वही बेटा उस पिता से कौड़ियों की भाँति व्यवहार करने लगता है। यह एक ऐसा कटु सत्य है, जिससे कलयुग और विशेष रूप से इस मॉडर्न ज़माने का कोई भी व्यक्ति मुकर नहीं सकता। इससे पहले के दो...
Continue reading...अच्छी लाइफ सेट करने में कौन-सा सिलेबस बड़ा: स्कूल का या फिर जिंदगी का?
आपको 3 इडियट्स का यह गाना तो याद ही होगा “गिव मी सम सनशाइन गिव मी सम रेन गिव मी अनदर चांस आई वॉना ग्रो उप वन्स अगेन” “99 परसेंट मार्क्स लाओगे, तो घड़ी वरना छड़ी” अक्सर आपने यह भी सुना होगा कि 10वीं कक्षा अच्छे अंकों से पास कर लो, फिर लाइफ सेट हो जाएगी। या 12वीं कक्षा अच्छे...
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