वैसे तो भगवान ने मनुष्य को बड़े ही सोच समझकर बनाया है या यूँ कहें कि धरती पर बाकी प्राणियों से हटकर ज्यादा ही बुद्धि और विवेक दिया है। लेकिन क्या सही मायनों में मनुष्य इस बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करता भी है? सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया गया विवेक, क्या समाज और उसके खुद के लिए सही...
Continue reading...Political Strategist in India
राजनीतिक रणनीतिकार बनना आजकल बहुत लोकप्रिय हो चुका है
राजनीतिक रणनीतिकार के कौशल सीखना किसी हुनर से कम नहीं हुनर तो वैसे बहुत हैं, जो व्यक्ति विशेष की पहचान होते हैं, लेकिन राजनीति की रणनीति का ताना-बाना बुनना सबसे विशेष अंदाज़ रखता है। राजनीतिक रणनीतिकार बनना आजकल बहुत लोकप्रिय हो चुका है। एक सफल रणनीतिकार बनने के लिए जरुरत होती है, तो बस कौशल की। यदि आप भी राजनीतिक...
Continue reading...यदि अब भी नहीं, तो आखिर कब?
रतन टाटा को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करना, क्या भूल चुका है देश? 85 वर्षीय बिज़नेस टाइकून- रतन टाटा, जिन्होंने बार-बार स्वयं को महज़ एक उद्योगपति से कहीं अधिक साबित किया है, उन्हें कभी वह तवज्जो नहीं दी गई, जिसके वे वास्तव में हकदार हैं। रतन टाटा उस हर एक भारतीय के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, जो अपने जीवन...
Continue reading...चुनावों में होने वाला इतना खर्चा लाते कहाँ से हो बाबू?
भारत देश में चुनावी राजनीति अब आदमी के बस की बात नहीं है। इसके पहले एक सवाल, कि क्या आपने किसी भी पार्टी के चुनाव प्रचार को देखा है? जिसमें चुनाव के समय पर होने वाले अघोषित पैसे का हिसाब आप सोच भी नहीं सकते हैं, जिसमें चल अचल संपत्ति, कार्यकर्ताओं, नेताओं और सरकारी तंत्र और मीडिया के खर्चे, इत्यादि...
Continue reading...तो इस तरह छत्तीसगढ़ में खुद कांग्रेस नेताओं के सहयोग से बनेगी बीजेपी की सरकार
भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से छत्तीसगढ़ राज्य, मीडिया से लेकर सियासी दलों तक चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकारी योजनाएँ हों, या बघेल की राजनीतिक कुशलता, उन्होंने हर स्तर पर खुद को प्रभावशाली तरीके से स्थापित करने में सफलता हासिल की है। वे पार्टी के राष्ट्रीय मुद्दों में शामिल हो रहे हैं, और महत्वपूर्ण फैसलों में...
Continue reading...किसके पाले में होंगे विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यकों के मत?
दलित वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुँचने का एक रास्ता है, तभी तो चुनाव पास आते ही नेताओं के भाषणों में दलितों के लिए योजनाओं और उनके प्रति चिंता झलकने लगती है। कई बड़े नेता दलितों के घरों में अचानक हाल समाचार पूछने चले जाते हैं, तो कई नेता दलितों के घरों में भोजन भी करने लगते हैं।...
Continue reading...उम्मीदवारों के चुनाव में कौन सा फार्मूला अपनाएगी कांग्रेस?
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को हैं। 2018 में जनता ने कांग्रेस को चुना था, हालाँकि 2020 में कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद सत्ता कांग्रेस से छीन ली गई थी। अब ऐसे में 2023 के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस जानती है, इस जंग को जीतने के लिए उसे एक अचूक फॉर्मूले की ज़रूरत...
Continue reading...मध्य प्रदेश में सरकार बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाएगा तीसरा दल
एक तरफा जीत से वंचित रहेंगी बीजेपी-कांग्रेस, तीसरे दलों का दिखेगा कमाल भारत जोड़ो यात्रा से लबरेज कांग्रेस और सत्ता सुख में खोई बीजेपी की खामियों का फायदा उठाएगा तीसरा दल इस साल नवंबर दिसंबर में तीन प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग की तारीखों में अभी भले वक्त हो...
Continue reading...मध्यप्रदेश विधानसभा 2023 में बीजेपी की चुनावी रणनीति
मध्यप्रदेश में लगातार सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को अब जनता की नाराज़गी झेलना पड़ रही है। बढ़ती महँगाई और विकास के दावों की हकीकत से जनता खुश नहीं है। बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती वह वर्ग है, जो हमेशा से पार्टी के साथ हुआ करता था, यानी व्यापारी वर्ग, क्योंकि व्यापारी वर्ग बीजेपी से नाखुश है। विधानसभा चुनाव...
Continue reading...युवाओं को साधने के लिए कौन सा रोडमैप बनाएँगी पार्टियां – अतुल मलिकराम, राजनीतिक रणनीतिकार
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे देश के कुछ प्रमुख राज्यों में साल के अंत में चुनाव होने को हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। सभी दल अपनी जीत के लिए एक रोडमैप बना रहे हैं। चूंकि जनता को भरोसा दिलाना अब पहले की तरह आसान नहीं रह गया है। इसलिए अब राजनीतिक पार्टियों को सभी...
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