आवश्यकता है पुरानी कहावत, “छड़ी पड़े छम-छम, विद्या आए घम-घम” को पुनः जीवित करने की

देश-दुनिया को झकझोर कर रख देने वाली महामारी ने पिछले दो वर्षों में कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है। इन सबसे परे एक बहुत बड़ा वर्ग है, जो सभी का ध्यान आकर्षित करता है, वह है प्राथमिक कक्षाओं के छात्र। हम मानें या न मानें, लेकिन महामारी के कारण यह वर्ग कई वर्ष पिछड़ चुका है। यदि हम गौर करें,...

Continue reading...

शंकर लालवानी के साथ और बाद, कौन करेगा सिंधियों की अगुवाई? – अतुल मलिकराम

वो समाज, जिसने भारत के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया 1947 में हुए देश के विभाजन ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया। जिन्होंने भारत को चुना, उन्हें अपना घर, जमीन, जायदाद, सब पीछे छोड़कर भागना पड़ा। हालांकि इस त्रासदी का यदि कोई सबसे अधिक शिकार हुआ तो वह था सिंधी समाज। वो समाज, जिसने भारत के...

Continue reading...

अब जीवन पर्यन्त चलने वाले मित्रों पर भी विराम….

ऑनलाइन पढ़ाई और सामाजिक दूरी की आग में ये बच्चे झुलसने लगे हैं। दुनिया तो एक बार फिर स्थिति सामान्य होने के बाद पटरी पर दौड़ने लगेगी, लेकिन निश्चित रूप से ये बच्चे इस भीड़ के अकेलेपन में कहीं खो जाएंगे।

Continue reading...