Business

नीतीश का राजनीतिक चरित्र समझना उन्हें पलटीमार बताने जितना आसान नहीं

Understanding Nitish's political character is not as easy as calling him a counter-attacker.

कुछ ही महीने पहले बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 9वीं बार शपथ लेने वाले नीतीश कुमार, राजधानी पटना में 18 विपक्षी दलों के साथ बीजेपी के खिलाफ पहली बैठक की मेजबानी कर रहे थे। आगामी लोकसभा चुनावों से पूर्व यह पहला मौका था, जब बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए एक संगठित विपक्ष की चुनौती तैयार हो रही...

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वो बातें, जो भगवान श्री कृष्ण से पीआर प्रोफेशनल्स को जरूर सीखना चाहिए

Those things which PR professionals must learn from Lord Shri Krishna

पब्लिक रिलेशन्स (पीआर) की दुनिया लगातार विकसित हो रही है। इस विकास के साथ ही साथ अपने क्षेत्र विशेष की जटिलताओं से निपटने के लिए प्रोफेशनल्स को न सिर्फ लगातार प्रेरणा, बल्कि सार्थक मार्गदर्शन की भी जरुरत होती है। गहन ज्ञान और शाश्वत शिक्षाओं का एक ऐसा ही सटीक स्रोत प्राचीन भारतीय महाकाव्य, भगवद्गीता से मिलता है। इस महाकाव्य में...

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कल्चर, कनेक्शन और क्रेडिबिलिटी: भारत में रीजनल पीआर के लिए सफलता के पिलर्स

Culture, Connection and Credibility: Pillars of Success for Regional PR in India

आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, प्रभावी पब्लिक रिलेशन्स की महत्ता पहले से कहीं अधिक है, खासकर तब, जब बात भारत के विविध और जीवंत बाजार को नेविगेट करने की आती है। सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत में किसी भी पीआर कैंपेन की सफलता कल्चर (संस्कृति), कनेक्शन (संपर्क) और क्रेडिबिलिटी (विश्वसनीयता) की तिकड़ी में महारत हासिल करने पर निर्भर करती...

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“कर भला तो हो भला”; अब भी समय है, इस कहावत को जीवन में उतार लीजिए

"a good deed always comes around"; There is still time, adopt this proverb in your life

जब हम किसी के लिए सहानुभूति और उदारता का भाव रखते हैं, तो समय अपनी झोली में उस सहानुभूति और उदारता का कुछ हिस्सा हमारे लिए सहेजता जाता है कहावत कुछ सुनी-सुनी सी प्रतीत हो रही है न! आप सही समझें हैं, हम सभी ने अपने स्कूल के दिनों में हिंदी विषय में ‘कर भला तो हो भला’ अध्याय पढ़ा...

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एम्प्लॉयीज़ से चलती है कंपनी

Company runs on employees

यह शत-प्रतिशत सत्य है। जब भी कोई कंपनी अपनी नींव रखने के बाद नए आयाम छूती है, तरक्की करती है, नई दिशाओं में आगे बढ़ती है और सफल होती है, तो बेशक उसमें बॉस का अहम् योगदान होता है। लेकिन सबसे बड़ा योगदान होता है, उसमें काम करने वाले एम्प्लॉयीज़ का, जो इसे अपनी कर्मस्थली मानते हैं। और सही मायने...

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करियर स्टेप्स, जो बेहद मायने रखते हैं: इन्क्लूज़न, इन्फ्लुएंस और इम्पैक्ट

Career Steps That Matter Most: Inclusion, Influence, and Impact

यदि आप अपने करियर को लेकर असमंजस में हैं या फिर यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस दिशा में आगे बढ़ना है, तो यह याद रखना सबसे अधिक जरुरी है कि सफलता का रास्ता करियर के उतार-चढ़ाव से होकर ही जाता है, जरुरत होती है, तो सिर्फ निरंतर आगे बढ़ते रहने की। हालाँकि, व्यक्ति को चाहिए कि...

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व्यवसायों के लिए केवल लाभ का विषय ‘बार्टर डील’

'Barter Deal' a matter of only benefit for businesses

एक ऐसी दुनिया, जहाँ रुपया-पैसा या करंसी ही एक्सचेंज का प्राथमिक माध्यम है, वहाँ बार्टरिंग का कॉन्सेप्ट काफी पुराना मालूम पड़ता है। हालाँकि, मौजूदा बिज़नेस परिदृश्य में देखें, तो नकदी का उपयोग किए बिना, अपना क्लाइंट बेस बढ़ाने के साथ-साथ रेवेन्यू में जरुरी वृद्धि के लिए, बार्टर सिस्टम एक प्रभावी रणनीति साबित हुई है। दो दशकों से अधिक के अनुभव...

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कभी-कभी चुप रहना, जवाब देने से ज्यादा प्रभावी हो सकता है

Sometimes remaining silent can be more effective than responding.

बेशक क्राइसिस मैनेजमेंट कठिन हो सकता है, लेकिन कुछ समय के लिए रुकने और शांत रहने से आपको अपनी ब्रांड प्रतिष्ठा की रक्षा करने में मदद मिल सकती है। कुछ स्थितियों में, एक टूल के रूप में मौन का उपयोग करना आवेगपूर्ण प्रतिक्रिया देने से अधिक प्रभावी हो सकता है। जानना चाहेंगे, कैसे? पीआर में दो दशकों से अधिक के...

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पीआर परिदृश्य में किस तरह क्राँति ला रही है क्रिएटर इकॉनमी?

How is the creator economy revolutionizing the PR landscape?

कहानी कहने की कला और आकर्षक कॉन्टेंट हमेशा ही दर्शकों के मन-मस्तिष्क में विशेष स्थान रखते हैं। सोशल मीडिया के आगमन ने इस विशेष कला को ऊँचा उड़ने के लिए नए पंख दिए हैं, जिसके माध्यम से स्टोरीटेलिंग आर्टिस्ट्स को बतौर ऑनलाइन खुद को अभिव्यक्त करने के असीमित अवसरों की सौगात मिली है। पहले के समय में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स सिर्फ...

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पीआर में क्रॉस-कंसल्टेंसी कोलेबरेशन की बढ़ती प्रवृत्ति

Growing trend of cross-consultancy collaboration in PR

विगत कुछ वर्षों में पीआर परिदृश्य में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिले हैं। कोविड के बाद से तमाम इंडस्ट्रीज़ के ब्रांड मैनेजर्स की व्यस्तता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, जैसे- सोशल मीडिया, वेब व कॉन्टेंट मार्केटिंग, एसईओ आदि के उपयोग में बढ़ोतरी को भी उनकी व्यस्तता का प्रमुख कारण माना जा सकता है। जाहिर-सी...

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