पब्लिक रिलेशन्स शब्द कई बार सुनने में आता है, फिर भी कहीं न कहीं इसे समझने में कमी रह ही जाती है। तो आइए, आज हम आपको बताते हैं कि क्या है पब्लिक रिलेशन्स और किसने इसका उदय किया।
पब्लिक रिलेशन्स का सीधा अर्थ है ‘पब्लिक (जनता) से संपर्क रखना’। रिलेशन अर्थात संबंधों के बिना समाज का तानाबाना नहीं बुना जा सकता है। खास बात यह है कि पब्लिक रिलेशन्स का विकास मानव काल में नहीं, बल्कि देव काल में ही हो गया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु के परम भक्त नारद ऋषि की जनसंपर्क अर्थात पब्लिक रिलेशन्स बनाने में अहम् भूमिका रही। नारद ऋषि द्वारा ही पब्लिक रिलेशन का उदय हुआ, जो बेहतर भविष्य के साथ आज बिजनेस को प्रतिष्ठित करने में बेहद अहम् भूमिका निभा रहा है।
पब्लिक रिलेशन्स ऐसी प्रोसेस है, जो किसी व्यक्ति, प्रोडक्ट या सर्विस की इमेज तथा महत्व को समाज में स्थापित करने का कार्य करती है। यह पब्लिक के बीच किसी ब्रांड के प्रति विश्वास की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पब्लिक रिलेशन्स समाज या समूह से जीवन्त सम्बन्ध बनाने में सेतु की तरह कार्य करता है।
पब्लिक रिलेशन्स की बिजनेस की गुडविल को बढ़ाने में बेहद अहम् भूमिका होती है। किसी ब्रांड के प्रति पब्लिक को लम्बे समय के लिए प्रभावित करने में पब्लिक रिलेशन्स महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिससे ब्रांड की प्रतिष्ठा और जागरूकता विकसित होती है।
पब्लिक रिलेशन्स किसी ब्रांड की वैल्यू में बढ़ोतरी करने के साथ ही पब्लिक के बीच इसके प्रति सकारात्मक प्रभाव स्थापित करता है। पब्लिक रिलेशन्स किसी बिजनेस के लिए की जाने वाली निरंतर गतिविधि है, जो कम से कम निवेश में किसी ब्रांड को अधिक प्रतिष्ठित करने में सहयोग देता है।
पब्लिक रिलेशन्स बिजनेस के लिए प्रोडक्ट या सर्विस की पब्लिसिटी करने के साथ ही क्राइसिस को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। क्राइसिस कंट्रोल करने से तात्पर्य यह है कि मार्केट में यदि ब्रांड के बारे में नेगेटिव न्यूज आई है, तो पब्लिक के बीच उसे फैलने से पहले सही डायरेक्शन के साथ उसे पब्लिश किया जाए। इस प्रकार यह ब्रांड की गुडविल बनाए रखने के साथ ही पब्लिक के बीच प्रतिष्ठा स्थापित करता है। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि पब्लिक रिलेशन्स किसी बिजनेस की क्रेडिबिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है, क्योंकि यह कई ट्रस्टेड इंटरमीडियरीज के माध्यम से संचालित होता है। पब्लिक रिलेशन्स कम अनुमानित है क्योंकि ब्रांड और इसकी ऑडियंस और रिलेवेंट आइटम्स के बीच एक एजेंसी/व्यक्ति होता है।