society

खरगोश और कछुए की कहानी में बाद में क्या हुआ?

What happened next in the story of the rabbit and the tortoise?

भारत एक ऐसा देश है, जहाँ लगभग हर एक बच्चा अपनी दादी-नानी से कहानियाँ सुनकर ही बड़ा होता है। हमारे सिर पर हाथ फेरकर सुनाई गई ये कहानियाँ बड़ी से बड़ी सीख दे जाती हैं, जो जीवन में बहुत काम आती हैं। इन कहानियों में एक कहानी मशहूर है खरगोश और कछुए की। शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसने कभी-भी...

Continue reading...

आगे पाठ-पीछे सपाट?

Text front-back flat?

नींव कमजोर होगी, तो मकान का अस्तित्व अधिक समय तक टिक नहीं सकता। उसी तरह शिक्षा का भी महत्व है। बच्चों की बेसिक पढ़ाई मजबूत रहेगी, तो बड़ी कक्षाओं में आकर बच्चे और बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं। नींव को मजबूत कर लिया जाए, तो शिक्षा का स्तर 100 प्रतिशत सुधर सकता है। एक मुहावरा याद आता है कि “आगे...

Continue reading...

शिक्षित महिलाएँ होती हैं समाज का आधार

Educated women are the basis of society

महिलाओं का शिक्षित होना बेहद जरूरी है। जब बच्चे छोटे होते हैं, तो उनकी पहली गुरु उनकी माँ होती है। इसलिए, एक महिला यदि अच्छी शिक्षा प्राप्त करती है, तो उसके बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित होता है। माँ अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन दे सकती है और उन्हें सही राह पर चलने में मदद कर सकती है। शिक्षा का...

Continue reading...

सही मायने में शिक्षित किसे बोला जाना चाहिए?

Who should be called truly educated?

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि शिक्षित किसे बोला जाना चाहिए ? शिक्षित होने का मतलब सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं होता है। शिक्षित होना उस व्यक्ति को कह सकते हैं, जो जीवन में अच्छे निर्णय ले सकता है और जो अपनी समस्याओं का समाधान तलाश कर सकता है। शिक्षित होने से उस व्यक्ति को आवश्यक दक्षताएँ प्राप्त होती...

Continue reading...

जेल में ही तैयार होते हैं अपराधी?

Are criminals prepared in jail only?

जेल एक ऐसी जगह है, जहाँ मामूली-से अपराध का भी एक आरोपी को प्रायश्चित होता है। लेकिन जिस समय उसे वास्तव में सांत्वना अपेक्षित है, यदि उस समय उसके साथ सही व्यवहार नहीं किया जाता, तो उसे एक कट्टर अपराधी बनने में तनिक भी देर नहीं लगती। जेल में लगभग सारे अपराधी अकेले में रोज अपने अपराध से गुजरते हैं...

Continue reading...

जेलों की स्थिति में सुधार न करके, कहीं हम अपराध को बढ़ावा तो नहीं दे रहे?

By not improving the conditions of prisons, are we encouraging crime?

लम्बे समय से यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि भारत में जेलों की स्थिति उस स्तर की नहीं है, जो कि वास्तव में होना चाहिए। दरअसल, विगत कुछ वर्षों में देश की जेलों की हालत बद से बदतर हो गई है। मानवाधिकारों और कानून के शासन को महत्व देने वाले समाज के लिए जेलों की बदतर स्थिति एक...

Continue reading...

अब भी नहीं जागी, तो कब जागेगी सरकार – घुमंतू समाज

If the government has not woken up yet, then when will the government wake up - Nomadic Society

इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, दशकों से सो रही सरकार को अब जागने की सख्त जरुरत है भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार देने में खानाबदोश समुदायों की भूमिका हमेशा ही महत्वपूर्ण रही है। ये समुदाय संगीत, कला और परंपराओं के अद्भुत प्रचारक रहे हैं। भारत भर में घूम-घूमकर अपना जीवन यापन करने वाले प्रत्येक खानाबदोश समुदाय को...

Continue reading...

भारत के युवा ही निर्माता हैं आधुनिक भारत के

India's youth are the creators of modern India

यदि हम इतिहास उठाकर देखें, तो यह पायेगें कि आज तक दुनिया में जितने भी क्राँतिकारी परिवर्तन हुए हैं, चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या वैज्ञानिक रहे हों, उनके प्रमुख आधार युवा ही रहे हैं। भारत में युवाओं का एक समृद्ध इतिहास है। प्राचीनकाल की यदि बात करें, तो आदिगुरु शंकराचार्य से लेकर गौतम बुद्ध और भगत सिंह ने...

Continue reading...