2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को है, ऐसे में देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी का मंथन जारी है। राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम ने कहा, 2018 में मिली शिकस्त के बाद अब भाजपा कोई कमज़ोर कड़ी नहीं छोड़ना चाहती है लेकिन राजनीति में सर्वश्रेष्ठ होने की चाहत ही अक्सर सत्ता से दूर कर देती है। भारतीय जनता पार्टी...
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“Political PR, a game of chess”- Atul Malikram
“Public Relations always existed in politics, throughout history. Political public relations is a central component of political communication. The United States’ 45th presidential election is a prime example that shows the power of PR. We all know that it was PR that turned the tables and made victory a possibility for Trump. Only a mastermind can change equations in politics...
Continue reading...पब्लिक रिलेशन्स के वो 7 सबक, जो आप भगवान गणेश से सीख सकते हैं
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश न केवल प्रथम पूज्य (लार्ड ऑफ बिगनिंग्स) और बाधाओं को दूर करने वाले हैं, बल्कि उन्हें एक महान शिक्षक भी माना जाता है। हम अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। आइए देखें कि हम पब्लिक रिलेशन्स के बारे में इस महान सर्वशक्तिमान से...
Continue reading...नफा-नुकसान के हिंडोलों पर एलन के ऐलान..
जब से एलन मस्क के हाथों में ट्विटर की कमान आई है, पूरी दुनिया में एक ही चर्चा चरम पर है, वह है प्लेटफॉर्म से एम्प्लॉयीज़ की छँटनी। हर दिन अखबारों के पन्नों में जैसे यह खबर बेहद आम हो गई है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क द्वारा दुनिया भर में एम्प्लॉयीज़ की छँटनी के काम को...
Continue reading...बॉस या……..
खड़ूस.. अकड़ू.. ये ऐसे अनकहे शब्द हैं, जो हमेशा ही मेरे कानों में गूँजते हैं, जब भी स्टाफ का कोई मेंबर तनी हुई भौहें लेकर गुस्से से आसपास से गुजर रहा होता है। मुँह पर कोई नहीं कह पाता, लेकिन मेरा मानना है कि बेशक स्टाफ के चुनिंदा लोगों के मन में यह नाम आ ही जाता होगा। यह तो...
Continue reading...“परिवर्तन ही संसार का नियम है”, भूल चले हैं इस कहावत को हम..
हर दिन आगे बढ़ने के साथ-साथ पीछे छूट जाती हैं कई बातें, कई कहावतें, और महज़ कहानियाँ बनकर रह जाते हैं वो तमाम मुहावरें, जो हमारे बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं। “परिवर्तन ही संसार का नियम है….” कभी तो यह एक दिन में कई बार कही जाने वाली कहावत थी, और आज हम इसका अर्थ ही भूल चले हैं। अब तो...
Continue reading...उदासीनता और लापरवाही की शिकार, हॉकी के जादूगर की प्रतिमा
मेजर ध्यान चंद भारत माता के उन सपूतों में से एक हैं, जिनका नाम ही उनकी पहचान है। अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक ध्यान चंद ने अपनी हॉकी स्टिक से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया, और तो और भारत को विश्व मानचित्र पर विशेष स्थान दिलाने में भी अटूट योगदान दिया। हॉकी के जादूगर...
Continue reading...राजनीति में होता ‘भाषाई हिंसा’ का विस्तार
राजनीति में होता ‘भाषाई हिंसा’ का विस्तार
Continue reading...शंकर लालवानी के साथ और बाद, कौन करेगा सिंधियों की अगुवाई? – अतुल मलिकराम
वो समाज, जिसने भारत के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया 1947 में हुए देश के विभाजन ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया। जिन्होंने भारत को चुना, उन्हें अपना घर, जमीन, जायदाद, सब पीछे छोड़कर भागना पड़ा। हालांकि इस त्रासदी का यदि कोई सबसे अधिक शिकार हुआ तो वह था सिंधी समाज। वो समाज, जिसने भारत के...
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