मदर टेरेसा की वो 7 बातें, जो हर PR practitioners के लिए मददगार साबित होती

मदर टेरेसा की वो 7 बातें, जो हर PR practitioners के लिए मददगार साबित होती

मदर टेरेसा एक ऐसी महिला हैं, जिन्हें दुनिया भर में उनकी करुणा, सहानुभूति और निस्वार्थता के लिए जाना जाता है। उनके मृत्योपरांत, आज भी लोगों और समाज के प्रति समर्पण के लिए उन्हें दिल की गहराइयों से याद किया जाता है। आज के brands, audience के बीच एक लंबे समय तक चलने वाली छवि बनाने का लक्ष्य रखते हैं। मदर टेरेसा के निम्नलिखित उदाहरणों से PR practitioners कई सीख ले सकते हैं, जो उन्हें अपने clients के लिए एक लंबे समय तक चलने वाली छवि बनाने में मदद करेंगे। यहाँ 7 बातें बताई गई हैं, जिनका प्रत्येक PR practitioner को पालन करना चाहिए:

Audience को अपनी प्राथमिकता बनाएं

मदर टेरेसा ने एक बार कहा था,

“आपके पास आने वाला हर एक व्यक्ति मुस्कुराकर ही वापिस जाना चाहिए।”

Brands का वजूद अपने customers की वजह से ही होता है। आखिरकार, public ही है जो products और services को खरीदती है। अपने सम्पूर्ण जीवन के दौरान, मदर टेरेसा अन्य लोगों की भलाई के लिए कार्य करती रहीं और खुद को दान, गरीबी और सादगी के साथ जीने के लिए समर्पित कर दिया। इसी प्रकार, brands को भी जनता के प्रति केंद्रित होना चाहिए और उनके हित में मानवता का आदान-प्रदान होना चाहिए। मदर टेरेसा की अपने से पहले अन्य लोगों के हित में सोचने की उदारता को हर एक brand को भी निश्चित तौर पर अपनाना चाहिए।

Practice what you preach (जैसा कहा, वैसा करना)

Brands की अपनी एक पहचान होना चाहिए, जिससे कि व्यक्ति उन पर भरोसा कर सके। उस brand से बदतर कुछ भी नहीं है, जो कहता कुछ है और करता कुछ है। मदर टेरेसा अपने पूरे जीवन में एक ही बात सिखाई कि हमें अपना जीवन दूसरों की भलाई करने में ही व्यतीत करना चाहिए। वे स्वयं गरीबी में रहती थीं, लेकिन फिर भी दूसरों की सहायता करने के लिए भोजन और आपूर्ति की व्यवस्था करती थीं। PR practitioners को भी ध्यान रखना चाहिए कि आप जैसा कहें, वैसा करें।

कड़ी मेहनत करें, भले ही कोई नहीं देख रहा हो

मदर टेरेसा को गति प्राप्त करने में बहुत समय लगा। digital युग के विकास के साथ, सफलता की धारणा बदल जाती है। आजकल ऐसा माना जाता है कि सफलता रातोंरात प्राप्त की जा सकती है। लेकिन, यह पूर्णतः गलत धारणा है। सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को कड़ी मेहनत और ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। कई बार, आपको असफलता का सामना करना पड़ सकता है या आप हतोत्साहित महसूस कर सकते हैं, लेकिन इससे आपका ध्यान अपने लक्ष्यों से नहीं हटना चाहिए। कई बार हमें कड़ी मेहनत का फल उतना अच्छा नहीं मिलता है, जितनी हमने मेहनत की थी। लेकिन इसके प्रति अपना दृढ़विश्वास बनाए रखें क्योंकि देर से ही सही, फल अवश्य मिलेगा।

दूसरों के नक्शेकदम पर चलने के बजाए, अपना रुझान बनाएं

दुनियाभर में पहचान हासिल करने के बाद भी मदर टेरेसा ने इसकी चिंता किए बिना कि लोग क्या सोचते हैं, हमेशा ही एक साधारण जीवन जीना जारी रखा। उन्होंने खुली बाँहों से लोगों को स्वीकार किया, उन्हें आजीवन प्यार किया और उनकी देखभाल की। प्रति-सांस्कृतिक होने की क्षमता रखने वाले brands भी अपनी audience के जीवन में बहुत सारे बदलाव ला सकते हैं। यह एक जोखिम है, लेकिन साथ ही साथ प्रभावी भी है। अपने customers को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न रुझान अपनाएं। ये आपकी brand value को बढ़ाएंगे और आपको भीड़ से बिल्कुल अलग पहचान दिलाएंगे।

अपने आप पर विश्वास करें

मदर टेरेसा ने गरीबों की मदद करने और उन्हें ईश्वर के करीब लाने के लिए आजीवन बखूबी कार्य किया। सम्पूर्ण जीवन-काल के दौरान उनका आत्म-बलिदान उन्हें अन्य सभी लोगों से अलग स्थान देता है। इसी तरह, PR practitioners को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि brands को अपने products तथा services को जीवंत रखने की आवश्यकता है, जो वे समाज को दे रहे हैं। उन्हें स्वयं पर विश्वास करना चाहिए। यह न केवल उन्हें काम में उद्देश्य स्थापित करने की भावना देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि products को promote करना वास्तविक हैं। Brands अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकते हैं, यदि उन्हें अपने लक्ष्यों पर पूरा भरोसा है और वे इन लक्ष्यों के लिए काम करने को तैयार हैं।

आप जैसे हैं, वैसे ही रहें

एक बात जो मदर टेरेसा को उल्लेखनीय व्यक्ति बनाती है, वह यह है कि वे कभी-भी अपने काम से नहीं भटकी। प्रसिद्ध होने के बाद उन्हें एक आरामदायक जीवन जीने का अवसर मिला, लेकिन वे कभी-भी अपनी राह से नहीं भटकी। गरीबों और लाचारों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, और दूसरों की मदद करने के लिए वे सदैव तत्पर रहीं। Brands को भी अपनी demands और popularity को देखते हुए भटक नहीं जाना चाहिए।

उन्हें अपनी प्रसिद्धि का आदी नहीं होना चाहिए और अपने वजूद को नहीं भूलना चाहिए। राह में कई ध्यान भटकाने वाले कारणों से अलग, brands को अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए सटीक विकल्प बनाना चाहिए।

साधन संपन्न बनें

इस विषय को लेकर मदर टेरेसा का मार्ग प्रशस्त था कि उनके पास जो कुछ भी है, उसका उपयोग दूसरों की मदद के लिए किस प्रकार किया जाए। Strategies बनाने से पहले, PR practitioners की अंतर्दृष्टि भी स्पष्ट होना चाहिए और उन्हें इस बात का विश्लेषण करना चाहिए कि समाज में उनके brand का क्या प्रभाव है। मदर टेरेसा ने हमें सिखाया कि हमें फिजूलखर्ची नहीं करना चाहिए। समाज को वापस देने के लिए विभिन्न परोपकारी कारणों के रूप में हर brand को इसे स्वीकार करना चाहिए। अपने सभी संसाधनों के उपयोग के साथ, उन लोगों की मदद करने और समर्थन करने के विभिन्न तरीके खोजें जो इस दुनिया को जीने के लिए एक बेहतर स्थान बनाने की वजह बने।

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