हे इंसान! मेरे बच्चे भी भूख से तड़प रहे हैं
Continue reading...समाज
अपनों के काम पर नहीं होता आंख मूंद कर भरोसा
अपनों के काम पर नहीं होता आंख मूंद कर भरोसा
Continue reading...जीवन की आपाधापी में कहीं विलुप्त न हो जाए समाज सेवा
जीवन की आपाधापी में कहीं विलुप्त न हो जाए समाज सेवा
Continue reading...मदद करें, यदि यह वास्तव में आपके लिए मतलब रखता है, इसलिए नहीं कि आप इसे लेकर मतलबी हैं
मदद करें, यदि यह वास्तव में आपके लिए मतलब रखता है, इसलिए नहीं कि आप इसे लेकर मतलबी हैं
Continue reading...पहले गरीब भूख से मरता था, अब वह प्रदूषण से मरता है
क्या उस गरीब को मास्क पहने देखा है, जो चैबीसों घंटे इस जहरीली हवा में रहने को मजबूर है? जब आने वाली पीढ़ियां आपसे जबाव मांगेंगी कि आखिर आपने उन्हें इतना प्रदूषण भेंट में क्यों दिया, तो क्या जबाव देंगे आप? खैर, आने वाली पीढ़ियों की बात तो हम बाद में करेंगे। पहले उनकी बात कर लेते हैं, जो आपकी...
Continue reading...अर्थव्यवस्था के चक्रव्यूह में फंसी सरकार, लेकिन मर रहा भारतीय
अर्थव्यवस्था के चक्रव्यूह में फंसी सरकार, लेकिन मर रहा भारतीय
Continue reading...हे इंसान! मेरे बच्चे भी भूख से तड़प रहे हैं
हे इंसान! मेरे बच्चे भी भूख से तड़प रहे हैं
Continue reading...विलुप्त होते बेजुबानों की सुध कौन ले रहा है?
अब तो चुपचाप शाम आती है, पहले चिड़ियों के शोर हुआ करते थे।
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