हर दिन आगे बढ़ने के साथ-साथ पीछे छूट जाती हैं कई बातें, कई कहावतें, और महज़ कहानियाँ बनकर रह जाते हैं वो तमाम मुहावरें, जो हमारे बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं। “परिवर्तन ही संसार का नियम है….” कभी तो यह एक दिन में कई बार कही जाने वाली कहावत थी, और आज हम इसका अर्थ ही भूल चले हैं। अब तो...
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कच्ची उम्र में पक्की सीख.. #35_टुकड़ों_वाला_प्यार
श्रद्धा वॉकर की नृशंस हत्या को वैसे तो कई महीने बीत गए हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले खुले इस राज़ से हर दिन नए-नए खुलासे होते चले जा रहे हैं। किस्सों-कहानियों के माफिक बुनी गई यह दर्दनाक मर्डर मिस्ट्री दुनिया के लिए एक किस्सा ही बनकर रह गई है। उसके माता-पिता और परिवार अपनी बेटी को इतने भयानक तरीके से...
Continue reading...35 टुकड़ों वाले प्यार में अगला नंबर किसका? #35_टुकड़ोंवालाप्यार
एक और प्रेम कहानी का अंत, ऐसा अंत जिसके दर्द की चीखें सदियों तक गूँजती रहेंगी और रूह कँपा देंगी हर उस शख्स की, जो प्रेम की इस बेतरतीब परिभाषा को जानेगा। प्रेम श्रद्धा और आफताब का। गए वो ज़माने लैला-मजनू और हीर-रांझा के, जो एक-दूजे के लिए अपनी जान दे गए। अब माहौल खौफनाक है, अब प्यार के लिए...
Continue reading...लालकृष्ण आडवाणी के बाद सिंधी समुदाय को सांसद शंकर लालवानी से उम्मीदें
वह समाज, जिसने भारत के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया। 1947 में हुए देश के विभाजन ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया। जिन्होंने भारत को चुना, उन्हें अपना घर, जमीन, जायदाद, सब पीछे छोड़कर भागना पड़ा। हालाँकि, इस त्रासदी का यदि कोई सबसे अधिक शिकार हुआ, तो वह था सिंधी समाज। वह समाज, जिसने भारत के...
Continue reading...एक तरफा प्यार का अधिकार, जो मैंने खो दिया….
एक तरफा प्यार का अधिकार, जो मैंने खो दिया….
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