भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से छत्तीसगढ़ राज्य, मीडिया से लेकर सियासी दलों तक चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकारी योजनाएँ हों, या बघेल की राजनीतिक कुशलता, उन्होंने हर स्तर पर खुद को प्रभावशाली तरीके से स्थापित करने में सफलता हासिल की है। वे पार्टी के राष्ट्रीय मुद्दों में शामिल हो रहे हैं, और महत्वपूर्ण फैसलों में...
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अनुसूचित जाति-जनजाति के मतों को कैसे साधेंगे राजनीतिक दल?
चुनावी मौसम में सभी राजनैतिक दल पिछड़ा वर्ग के हितैषी बन जाते हैं और खासकर दलित-आदिवासियों को अपना वोट बैंक बनाने की कवायद में लग जाते हैं। अपनी राजनैतिक मंशाओं को पूर्ण करने के लिए हर पार्टी एक प्लान बनाती है। सभी दलों की नीतियाँ अलग ज़रूर होती हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही होता है, सत्ता तक पहुँचने...
Continue reading...किसके पाले में होंगे विधानसभा चुनावों में अल्पसंख्यकों के मत?
दलित वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुँचने का एक रास्ता है, तभी तो चुनाव पास आते ही नेताओं के भाषणों में दलितों के लिए योजनाओं और उनके प्रति चिंता झलकने लगती है। कई बड़े नेता दलितों के घरों में अचानक हाल समाचार पूछने चले जाते हैं, तो कई नेता दलितों के घरों में भोजन भी करने लगते हैं।...
Continue reading...उम्मीदवारों के चुनाव में कौन सा फार्मूला अपनाएगी कांग्रेस?
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को हैं। 2018 में जनता ने कांग्रेस को चुना था, हालाँकि 2020 में कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद सत्ता कांग्रेस से छीन ली गई थी। अब ऐसे में 2023 के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। कांग्रेस जानती है, इस जंग को जीतने के लिए उसे एक अचूक फॉर्मूले की ज़रूरत...
Continue reading...मध्य प्रदेश में सरकार बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाएगा तीसरा दल
एक तरफा जीत से वंचित रहेंगी बीजेपी-कांग्रेस, तीसरे दलों का दिखेगा कमाल भारत जोड़ो यात्रा से लबरेज कांग्रेस और सत्ता सुख में खोई बीजेपी की खामियों का फायदा उठाएगा तीसरा दल इस साल नवंबर दिसंबर में तीन प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग की तारीखों में अभी भले वक्त हो...
Continue reading...मध्यप्रदेश विधानसभा 2023 में बीजेपी की चुनावी रणनीति
मध्यप्रदेश में लगातार सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को अब जनता की नाराज़गी झेलना पड़ रही है। बढ़ती महँगाई और विकास के दावों की हकीकत से जनता खुश नहीं है। बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती वह वर्ग है, जो हमेशा से पार्टी के साथ हुआ करता था, यानी व्यापारी वर्ग, क्योंकि व्यापारी वर्ग बीजेपी से नाखुश है। विधानसभा चुनाव...
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