क्या गरीब व्यक्ति शादियों में जाना ही छोड़ दे?

Should a poor person stop going to weddings?

हमारे रिश्तेदार क्या पहन रहे हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता, भाग-दौड़ भरे जीवन में वे हमारी खुशियों में शामिल हुए हैं, यह सबसे अधिक मायने रखता है सोने के आभूषण अमीर लोगों पर चमकते हैं साहब, गरीबों की कहाँ चका-चौंध! क्योंकि आलीशान शादी समारोह में शानदार रेड कार्पेट्स अमीरों का स्वागत करते हैं। दिखावे को होड़ जो लगी पड़ी है….....

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कैसा हो? यदि आपको दो वक्त की रोटी न मिले…..

how are you? If you don't get bread twice a day...

“बेज़ुबान हैं, तो क्या हुआ, प्यास तो उन्हें भी लगती है” ज़रा सोचिए, आपको बहुत तेज़ भूख लगी हो, और आपको खाने के लिए दिन भर कुछ भी न मिले। गर्मी के मौसम में तपती धूप में बैठा दिया जाए, और प्यास से तड़पने के बावजूद कई दिनों तक पीने के लिए पानी न दिया जाए। क्या हुआ? किस सोच...

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बलात्कार अपराध नहीं, एक मानसिक बीमारी है

Rape is not a crime, it is a mental illness

भारत देश में बेटियों को लक्ष्मी माना जाता है और इनकी पूजा की जाती है। फिर भी इस देश में बलात्कार के मामले आम हैं। कभी आपने सोचा है ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए, क्योंकि हमारा समाज बीमार है, समाज की विचारधारा में परिवर्तन की आवश्यकता है। यह बीमारी है। भारत की पुरुष प्रजाति बीमार है। उनकी मनोस्थिति की बनावट को...

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जरुरी नहीं है कि आपकी प्रबलता हर जगह काम आए

It is not necessary that your strength works everywhere.

इंसान को कई बार घमंड हो चलता है, कभी अपने रुतबे का, तो कभी अपने इंसान ही होने का। वह अक्सर दुनिया में रहने वाले सभी प्राणियों को खुद से कम ही आँकता है। मैं आज तक नहीं जान पाया कि भला इसके पीछे वास्तव में कारण क्या है? क्या यह इंसान को मिली बोली है, जो उसके घमंड का...

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गुरु-शिष्य परंपरा को फिर से शुरू करना बहुत जरुरी

It is very important to restart the Guru-Shishya tradition.

प्राचीनकाल से ही शिक्षा मानव सभ्यता का जरूरी हिस्सा रही है। समय बदलने के साथ शिक्षा का स्वरूप भी बदला है। प्राचीन शिक्षा प्रणाली कि यदि बात करें, तो आज भी गुरुकुल शिक्षा प्रणाली प्रेरणा का मुख्य स्रोत बनी हुई है। एक समय था, जब देश में हजारों की संख्या में गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति के माध्यम से बच्चे शिक्षा के...

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खरगोश और कछुए की कहानी में बाद में क्या हुआ?

What happened next in the story of the rabbit and the tortoise?

भारत एक ऐसा देश है, जहाँ लगभग हर एक बच्चा अपनी दादी-नानी से कहानियाँ सुनकर ही बड़ा होता है। हमारे सिर पर हाथ फेरकर सुनाई गई ये कहानियाँ बड़ी से बड़ी सीख दे जाती हैं, जो जीवन में बहुत काम आती हैं। इन कहानियों में एक कहानी मशहूर है खरगोश और कछुए की। शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसने कभी-भी...

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आगे पाठ-पीछे सपाट?

Text front-back flat?

नींव कमजोर होगी, तो मकान का अस्तित्व अधिक समय तक टिक नहीं सकता। उसी तरह शिक्षा का भी महत्व है। बच्चों की बेसिक पढ़ाई मजबूत रहेगी, तो बड़ी कक्षाओं में आकर बच्चे और बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं। नींव को मजबूत कर लिया जाए, तो शिक्षा का स्तर 100 प्रतिशत सुधर सकता है। एक मुहावरा याद आता है कि “आगे...

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ऑनलाइन शिक्षा के कई फायदे, तो नुकसान भी

There are many advantages of online education, but also disadvantages

ऑनलाइन शिक्षा आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति का एक अच्छा उदाहरण बनकर उभरी है। इसमें इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की जाती है। कोरोना काल से यह प्रचलन तेजी से सामने आया है, जिसमें अनेक स्कूल और शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को अपनाकर इसे अधिक उपयोग में लाया है। यह एक ऐसा माध्यम है कि...

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क्या ऑनलाइन शिक्षा, स्कूल की कक्षा से बेहतर विकल्प हो सकता है?

Can online education be a better option than school classes?

स्कूल की कक्षा यानि विद्यालयीन शिक्षा सर्वश्रेष्ठ है, जो अब लुप्त होने के कगार पर दिखाई दे रही है। कहीं यह हमारे समाज की सबसे बड़ी भूलों में से एक न बन जाए। पारंपरिक शिक्षा में एक निश्चित कार्यक्रम, परस्पर संचार और सख्त अनुशासन छात्रों का सटीक मार्गदर्शन करते हैं। पूरी तरह से शिक्षा ग्रहण एवं उसे कैसे आचार-विचार में...

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5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएँ क्या मजबूत कर सकेंगी शिक्षा की डाँवाडोल नींव को?

Will the 5th and 8th class board exams be able to strengthen the shaky foundation of education?

ठीक पाँच वर्ष पहले शिक्षा मंत्रालय ने वर्तमान एजुकेशनल सिस्टम में सुधार के उद्देश्य से एक साहसिक कदम उठाया था, जिसके तहत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं पर अंकुश लगाने का फैसला लिया गया था। परिणामस्वरूप, पुराने मार्किंग सिस्टम की जगह नया ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर दिया गया। इस नए सिस्टम के अनुसार, 8वीं कक्षा...

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