मध्यप्रदेश में लगातार सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को अब जनता की नाराज़गी झेलना पड़ रही है। बढ़ती महँगाई और विकास के दावों की हकीकत से जनता खुश नहीं है। बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती वह वर्ग है, जो हमेशा से पार्टी के साथ हुआ करता था, यानी व्यापारी वर्ग, क्योंकि व्यापारी वर्ग बीजेपी से नाखुश है। विधानसभा चुनाव...
Continue reading...राजनीति
युवाओं को साधने के लिए कौन सा रोडमैप बनाएँगी पार्टियां – अतुल मलिकराम, राजनीतिक रणनीतिकार
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे देश के कुछ प्रमुख राज्यों में साल के अंत में चुनाव होने को हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। सभी दल अपनी जीत के लिए एक रोडमैप बना रहे हैं। चूंकि जनता को भरोसा दिलाना अब पहले की तरह आसान नहीं रह गया है। इसलिए अब राजनीतिक पार्टियों को सभी...
Continue reading...कांग्रेस कैसे चुनेगी उम्मीदवार ?
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को है। 2018 में जनता ने कांग्रेस को चुना था, हालाँकि 2020 में कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद सत्ता कांग्रेस से छीन ली गयी थी। अब ऐसे में 2023 के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम ने कहा कि कांग्रेस जानती है, इस जंग को जीतने के...
Continue reading...2023 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की भूमिका –
2023 में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को है, ऐसे में देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी का मंथन जारी है। राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम ने कहा, 2018 में मिली शिकस्त के बाद अब भाजपा कोई कमज़ोर कड़ी नहीं छोड़ना चाहती है लेकिन राजनीति में सर्वश्रेष्ठ होने की चाहत ही अक्सर सत्ता से दूर कर देती है। भारतीय जनता पार्टी...
Continue reading...“Political PR, a game of chess”- Atul Malikram
“Public Relations always existed in politics, throughout history. Political public relations is a central component of political communication. The United States’ 45th presidential election is a prime example that shows the power of PR. We all know that it was PR that turned the tables and made victory a possibility for Trump. Only a mastermind can change equations in politics...
Continue reading...सरकार को बनाने या बिगाड़ने के लिए महज़ एक वोट ही काफी..
सरकार को बनाने या बिगाड़ने के लिए महज़ एक वोट ही काफी..
Continue reading...सरकारों की चाटुकारिता में तब्दील होता जा रहा महामहीम का सर्वोच्च पद – अतुल मलिकराम, राजनीतिक विश्लेषक
संवैधानिक दृष्टि और मूल सिद्धांतों को छोड़ दें तो आपको भारत में राष्ट्रपति पद की कितनी जरुरत महसूस होती है? बहुत से लोगों को तो प्रधानमंत्री के होने न होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता होगा, लेकिन पीएम और उनकी सरकार के पास इतनी पॉवर जरूर होती है कि व जब चाहे तब, भारत के प्रथम नागरिक को अपने...
Continue reading...अपने दामन पर राजनीति का कीचड़ उछलवा रहे मसीहा
अपने दामन पर राजनीति का कीचड़ उछलवा रहे मसीहा
Continue reading...देश की एक पहचान हुनर से भी.. जिसे राज्यों को पहचाने की कड़ी जरुरत
skill.. which the states need to recognize
Continue reading...विलुप्त होते बेजुबानों की सुध कौन ले रहा है?
विलुप्त होते बेजुबानों की सुध कौन ले रहा है?
Continue reading...