राजनीति के पाटों के बीच पिसती बेचारी जनता ही है

It is the poor people who are crushed between the stones of politics.

एक दोस्त ने पूछा कि आखिर मैं कब राजनीति में कदम रखूँगा? मुझे विश्वास है कि मेरे जवाब को सुनकर उसे संतुष्टि जरूर मिली होगी और उसे समझ आ गया होगा, ‘यह राजनीति क्यों मेरे काम की नहीं।’ जब उसने कहा, “तुम भी लड़ो और जीतो” तो मैंने भी कह डाला कि कोई लड़कर जीतता है और कोई प्यार से...

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गरीबों को अन्य लोगों पर नहीं, बल्कि स्वयं के प्रति निर्भर बनाएं; ऐसे मिटेगी देश से गरीबी

Make the poor dependent not on others, but on themselves; This is how poverty will be eradicated from the country

गरीबों को अन्य लोगों पर नहीं, बल्कि स्वयं के प्रति निर्भर बनाएं; ऐसे मिटेगी देश से गरीबी

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