हर दिन आगे बढ़ने के साथ-साथ पीछे छूट जाती हैं कई बातें, कई कहावतें, और महज़ कहानियाँ बनकर रह जाते हैं वो तमाम मुहावरें, जो हमारे बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं। “परिवर्तन ही संसार का नियम है….” कभी तो यह एक दिन में कई बार कही जाने वाली कहावत थी, और आज हम इसका अर्थ ही भूल चले हैं। अब तो...
Continue reading...उदासीनता और लापरवाही की शिकार, हॉकी के जादूगर की प्रतिमा
मेजर ध्यान चंद भारत माता के उन सपूतों में से एक हैं, जिनका नाम ही उनकी पहचान है। अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक ध्यान चंद ने अपनी हॉकी स्टिक से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया, और तो और भारत को विश्व मानचित्र पर विशेष स्थान दिलाने में भी अटूट योगदान दिया। हॉकी के जादूगर...
Continue reading...और फिर मासूमों की मौत का कारण हमारी चंद घंटों की खुशी….
पटाखों की गगनभेदी आवाज़, और हजारों की तादाद में जान बचाकर एक साथ उड़ते पक्षी…. चकाचौंध भरी रोशनी, कानों को परेशान कर देने वाली आवाज़ें और आतिशबाजी…. ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें हम बहुत ही ज्यादा मजेदार मानते हैं, लेकिन मूक जानवरों, पक्षियों और बुजुर्गों के लिए ये किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं। पटाखे जलाने को ही...
Continue reading...बेदाग होते हुए भी कलंक साथ लेकर घूमने को मजबूर, घुमंतू समाज..
भारत के विमुक्त, खानाबदोश और अर्द्ध-खानाबदोश समुदाय दशकों से ऐसी परिस्थिति से गुजर रहे हैं, जहाँ हमेशा से ही उन्हें इस तरह दरकिनार किया जाता रहा है, जैसे कि वे देश का हिस्सा ही नहीं हैं। भारतीय समाज सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले इस उपेक्षित और वंचित समुदाय को कई नकारात्मक और आपराधिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता...
Continue reading...अपने कब पराए हो गए.. घर कब मकान हो गए..
गली-मोहल्ले अब सुनसान हो गए हैं, अब पड़ोस वाली आंटी के घर की खिड़की का काँच नहीं फूटता, न ही अब तेज रफ्तार से उछाल खाती हुई गेंद छत पर जाती है, पतंग भी अब कटती हुई घर के आँगन में नहीं गिरती, मोहल्ले का कोई भी बच्चा अब लूका-छिपी खेलते हुए पास वाले काका के घर छिपने नहीं जाता,...
Continue reading...कारण, जो भारतीय युवाओं में पैदा कर रहे तलाक का ट्रेंड
यूँ तो भारत में तलाक की दर दो फीसदी से भी कम है, लेकिन भारतीय युवाओं में तलाक का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। पिछले कुछ सालों में युवा शादी-शुदा जोड़ों के अलग होने की प्रवृत्ति में तेजी से उछाल आया है। ज्यादातर मामलों में शादी को एक महीना भी पूरा नहीं होता और तलाक की अर्जी अदालत के दरवाजे...
Continue reading...सोच, एक तरफा ही क्यों ?? 35_टुकड़ों_वाला_प्यार
श्रद्धा और आफताब के उलझन भरे रिश्ते और श्रद्धा की मर्डर मिस्ट्री ने दुनिया को अनगिनत सवालों के कटघरे में लाकर छोड़ दिया है। हर एक सवाल से प्याज़ के छिलकों की तरह न जाने कितने ही नए-नए विषय निकलकर सामने आते जाएँ। अनजान इंसान पर पहले विश्वास और फिर अँधविश्वास, माता-पिता और परिवार से दूरी, ठीक से जाने बिना...
Continue reading...कच्ची उम्र में पक्की सीख.. #35_टुकड़ों_वाला_प्यार
श्रद्धा वॉकर की नृशंस हत्या को वैसे तो कई महीने बीत गए हैं, लेकिन कुछ दिनों पहले खुले इस राज़ से हर दिन नए-नए खुलासे होते चले जा रहे हैं। किस्सों-कहानियों के माफिक बुनी गई यह दर्दनाक मर्डर मिस्ट्री दुनिया के लिए एक किस्सा ही बनकर रह गई है। उसके माता-पिता और परिवार अपनी बेटी को इतने भयानक तरीके से...
Continue reading...35 टुकड़ों वाले प्यार में अगला नंबर किसका? #35_टुकड़ोंवालाप्यार
एक और प्रेम कहानी का अंत, ऐसा अंत जिसके दर्द की चीखें सदियों तक गूँजती रहेंगी और रूह कँपा देंगी हर उस शख्स की, जो प्रेम की इस बेतरतीब परिभाषा को जानेगा। प्रेम श्रद्धा और आफताब का। गए वो ज़माने लैला-मजनू और हीर-रांझा के, जो एक-दूजे के लिए अपनी जान दे गए। अब माहौल खौफनाक है, अब प्यार के लिए...
Continue reading...लालकृष्ण आडवाणी के बाद सिंधी समुदाय को सांसद शंकर लालवानी से उम्मीदें
वह समाज, जिसने भारत के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया। 1947 में हुए देश के विभाजन ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया। जिन्होंने भारत को चुना, उन्हें अपना घर, जमीन, जायदाद, सब पीछे छोड़कर भागना पड़ा। हालाँकि, इस त्रासदी का यदि कोई सबसे अधिक शिकार हुआ, तो वह था सिंधी समाज। वह समाज, जिसने भारत के...
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